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पेरिस ओलम्पिक तीरंदाजी : धीरज बोम्मादेवरा-अंकिता भकत की मिश्रित टीम कांस्य पदक से चूकी

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पेरिस, 2 अगस्त। धीरज बोम्मादेवरा व अंकिता भकत की जोड़ी ने शुक्रवार को यहां पेरिस ओलम्पिक खेलों की मिश्रित टीम तीरंदाजी स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ भारत का सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल किया। हालांकि, सेमीफाइनल में हार के बाद भारतीय टीम कांस्य पदक मैच में ऐतिहासिक पहला पोडियम फिनिश हासिल करने से चूक गई, जब अमेरिका के ब्रैडी एलिसन व केसी कॉफहोल्ड ने उसे 6-2 से शिकस्त दे दी।

कांसे की लड़ंत में अमेरिकी टीम को चुनौती नहीं दे सकी भारतीय जोड़ी

कांस्य पदक मुकाबले में धीरज व अंकिता की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने पहला सेट 37-38 से गंवा दिया। भारतीय जोड़ी ने हालांकि लगातार तीन 10 स्कोर किए, लेकिन अंकिता के शुरुआती निशाने से सात स्कोर ने अमेरिका को 2-0 की बढ़त लेने में मदद की। भकत ने दूसरे सेट में एक और सात अंक जुटाए, जो महंगा साबित हुआ और अमेरिका ने 4-0 से बढ़त बना ली।

हालांकि, केसी कॉफहोल्ड ने तीसरे सेट में सात अंक जुटाए, जिसने भारत के लिए वापसी का रास्ता खोल दिया। 22 वर्षीय बोम्मादेवरा ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए अंतर को 4-2 से कम कर दिया। फिलहाल भारत मैच को शूट-ऑफ में ले जाने में विफल रहा। भकत ने अंतिम सेट में दो आठ शॉट लगाए, जिससे कॉफहोल्ड और एलिसन ने यूएसए के लिए कांस्य पदक जीत लिया।

सेमीफाइनल में कोरिया से परास्त हुए थे धीरज-अंकिता

कांस्य पदक मैच में प्रतिस्पर्धा से पहले भारतीय जोड़ी को सेमीफाइनल में रिपब्लिक ऑफ कोरिया के हाथों 2-6 से पराजय सहनी पड़ी थी। वूजिन किम और सिहयोन लिम की मजबूत दक्षिण कोरियाई टीम के खिलाफ भारत ने पहला सेट 38-36 से जीतकर सकारात्मक शुरुआत की, जिसमें बोम्मादेवरा ने दो 10 अंक बनाए।

हालांकि, दूसरे सेट में कोई भी भारतीय तीरंदाज 10 अंक हासिल नहीं कर सका और दक्षिण कोरिया ने 38-35 से जीत हासिल कर बराबरी हासिल कर ली। तीसरे सेट में रोमांचक मुकाबले के बाद विपक्षी टीम ने बढ़त हासिल कर ली, जहां वूजिन किम ने दो 10 अंक बनाए और अंकिता भकत ने उनके प्रयासों की बराबरी की। धीरज के दूसरे शॉट में दुर्भाग्यपूर्ण आठ अंक ने दक्षिण कोरिया को बढ़त दिला दी और निर्णायक सेट में वूजिन किम और सिहयोन लिम ने तीन 10 अंक बनाकर स्वर्ण पदक के लिए मैच में प्रवेश किया।

ओलम्पिक इतिहास में पहली बार भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची

दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले भारतीय मिश्रित टीम ने क्वार्टरफाइनल में स्पेन के पाब्लो गोंजालेज और एलिया कैनालेस को 5-3 से हराया था। बोम्मादेवरा ने चार सेटों में छह 10 शॉट लगाकर भारत को बराबरी पर ला दिया। स्पेन पर जीत ने भारतीय तीरंदाजों को ओलम्पिक के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने में मदद की। बोम्मादेवरा और भकत ने दिन की शुरुआत इंडोनेशिया के खिलाफ राउंड ऑफ 16 मुकाबले से की थी। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए डायनांडा चोइरुनिसा व आरिफ पंगेस्टू पर 5-1 से जीत हासिल की थी।

पाल नौकायन : विष्णु सरवनन चार रेस के बाद 22वें स्थान पर रहे

अन्य स्पर्धांओं की बात करें तो एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता भारतीय पाल नाविक (सेलर) विष्णु सरवनन पुरुषों की डिंगी रेस में आज तीसरी और चौथी रेस में क्रमशः 20वें और 19वें स्थान पर रहे। अपने दूसरे ग्रीष्मकालीन खेलों में हिस्सा ले रहे 25 वर्षीय सेलर अब नेट 49 अंक (83 कुल अंक) के साथ डिंगी स्टैंडिंग में 22 वें स्थान पर हैं। सरवनन शनिवार को 10-रेस की शुरुआती सीरीज की पांचवीं व छठी रेस में एक्शन में होंगे।

जूडो : तूलिका मान राउंड ऑफ 32 में परास्त

वहीं भारतीय जुडोका तूलिका मान महिलाओं के +78 किग्रा राउंड ऑफ 32 में लंदन 2012 चैम्पियन क्यूबा की इडालिस ऑर्टिज के खिलाफ 28 सेकेंड में 0-10 से हार कर प्रतियोगिता से बाहर हो गईं।

रेपेचेज प्रतियोगिताएं भी इस टूर्नामेंट का हिस्सा हैं, लेकिन उसमें केवल क्वार्टरफाइनल में हारने वालों को ही कांस्य पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलता है। राष्ट्रकुल खेलों की रजत पदक विजेता और पूर्व दक्षिण एशियाई खेलों की चैम्पियन तूलिका मान का यह पहला ओलम्पिक था। उन्होंने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में दो कांस्य पदक भी जीते हैं।

नौकायन : बलराज पंवार की हार से भारत का अभियान खत्म

नौकायन में बलराज पंवार पुरुष एकल स्कल्स स्पर्धा के फाइनल डी में 7:02.37 का समय दर्ज करते हुए पांचवें स्थान पर रहे। इसके साथ ही भारत का रोइंग अभियान मौजूदा ग्रीष्मकालीन खेलों में समाप्त हो गया।

25 वर्षीय आर्मी मैन बलराज, जिन्होंने केवल चार वर्ष पहले इस खेल में हिस्सा लेना शुरू किया था, अपने ओलम्पिक डेब्यू में कुल मिलाकर 23वें स्थान पर हैं। हालांकि, वह ओलम्पिक में रोइंग में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज नहीं कर सके। यह रिकॉर्ड अब भी अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह की पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल्स जोड़ी के नाम दर्ज है, जो टोक्यो 2020 में 11वें स्थान पर रहे थे।

पिछले वर्ष एशियाई खेलों में पंवार चौथे स्थान पर रहे थे और मामूली अंतर से पोडियम स्थान हासिल करने से चूक गए थे। उन्होंने इस वर्ष अप्रैल में रिपब्लिक ऑफ कोरिया के चुंगजू में एशियन और ओसिनियन रोइंग ओलंपिक क्वालिफिकेशन रेगाटा में कांस्य पदक जीतकर पेरिस 2024 कोटा हासिल किया था।