नई दिल्ली, 27 अप्रैल। सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी के बाद उत्तराखंड पुलिस ने बुधवार को प्रस्तावत रुड़की ‘धर्म संसद’ के आयोजन पर रोक लगा दी। इसी क्रम में पुलिस ने रुड़की में कर्फ्यू लागू करते हुए इलाके में बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी।
आयोजकों सहित 33 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रस्तावित ‘धर्म संसद’ में हेट स्पीच दिए जाने पर मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराए जाने की चेतावनी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष अदालत की चेतावनी के बाद ही कड़ा कदम उठाया और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए आयोजकों सहित 33 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया।
क्षेत्र के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी योगेश रावत ने कहा कि क्षेत्र में लगभग 200 कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति की गई है। 100 से अधिक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर भी हैं। इसके अलावा पीएसी की पांच कम्पनियों को भी प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले की जांच कर रहा है, इसलिए हम नरमी नहीं बरत सकते। सब कुछ नियम से होगा।’
हरिद्वार और दिल्ली धर्म संसद के हेट स्पीच मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
गौरतलब है कि पिछले वर्ष हरिद्वार और दिल्ली के बुराड़ी में आयोजित धर्म संसदों में दी गई हेट स्पीच की सुनवाई के दौरान मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। याचिका में उल्लेख किया गया है कि यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने मुसलमानों के नरसंहार के लिए खुला आह्वान किया। दक्षिणपंथी समूह हिन्दू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित दिल्ली के बुराड़ी में एक कार्यक्रम में भी इसी तरह की मांग की गई थी।
शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के बाद घटना के लगभग एक महीने बाद पहली गिरफ्तारी की गई थी। घटना के कुछ ही समय बाद एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें नरसंहार का आह्वान करने वाले लोग एक पुलिस अधिकारी के साथ हंसते हुए दिखाई दिए थे। नफरती भाषण देने वाले उस वीडियो में यह कहते हुए भी नजर आए थे पुलिस उनके पक्ष में रहेगी।