भुवनेश्वर, 5 अप्रैल। ओडिशा पुलिस चुनाव के दौरान किसी भी माओवादी गतिविधि का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण सारंगी ने यह जानकारी दी। सारंगी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में माओवादी गतिविधियों में काफी कमी आई है। उन्होंने बताया, ”वर्ष 2019 के चुनाव के दौरान ओडिशा में 20 जिले माओवाद प्रभावित थे। इस चुनाव में यह संख्या घटकर 10 रह गई है।”
पुलिस अधिकारी ने कहा, ”ओडिशा-आंध्र प्रदेश सीमा के माओवादियों को छत्तीसगढ़ तक खदेड़ दिया गया है लेकिन वे चुनाव के दौरान गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।” उन्होंने बताया कि माओवादी राज्य के बौध, कंधमाल और कालाहांडी जिलों के कुछ इलाकों तक ही सीमित हैं और अगर चुनाव के दौरान माओवादी गतिविधियां बढ़ती हैं तो पुलिस ने उनका मुकाबला करने के लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था योजनाएं तैयार की हुई है।
अधिकारी ने बताया, ”माओवादी रोधी अभियान जारी हैं। हाल में हमने एक प्रमुख माओवादी कमांडर को मार गिराया है और विस्फोटक सामग्री जब्त की है।” उन्होंने अंतरराज्यीय सीमा क्षेत्रों में चुनाव की तैयारियों पर कहा कि ओडिशा के 15 पुलिस जिले पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के साथ सीमा साझा करते हैं।
उन्होंने कहा, ”हम झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के साथ पहले ही अंतरराज्यीय सहयोग बैठकें कर चुके हैं और बहुत जल्द पश्चिम बंगाल के साथ बैठक करेंगे।” पुलिस अधिकारी ने बताया कि बैठकों के दौरान सीमा सुरक्षा, चुनाव प्रक्रिया में खलल डाल सकने वाले विभिन्न तत्वों की आवाजाही और नकदी, अवैध शराब व नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। ओडिशा में पहले से ही विभिन्न सीमाओं पर 118 जांच चौकियां स्थापित की जा चुकी हैं।