इस्लामाबाद, 15 मई। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में सियासी हलचल लगातार बढ़ती जा रही है। इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के विरोधी राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं। इसकी बानगी मंगलवार को दिखी, जब एक ओर इमरान की रिहाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट के बाहर सभी दल प्रदर्शन कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ इमरान खान को सरेआम फांसी दिए जाने की संसद में मांग उठ गई।
नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि इमरान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दे देनी चाहिए। लेकिन इसकी बजाए कोर्ट उनका ऐसे स्वागत कर रहा है, जैसे वह उनके दामाद हों।
वहीं इमरान खान की रिहाई के विरोध में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। पीडीएम कई पार्टियों से मिलकर बना संगठन है, जिसमें सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUIF) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित कई दल शामिल हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शन को देखते हुए लाहौर में अगले सात दिनों तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।
इमरान को जमानत देने वाले चीफ जस्टिस को हटाने की तैयारी
इस बीच पाकिस्तान सरकार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के विरोध में खुलकर सामने आ गई है, जिन्होंने उतर इमरान खान की तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। संसद में जस्टिस बंदियाल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया। इस संबंध में नेशनल असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ संदर्भ तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति के गठन की मांग की गई है।
सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने न्यायपालिका पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का पक्ष लेने, राजनीति में शामिल होने और नौ मई को हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, जेयूआई-एफ नेता असद महमूद और अन्य ने सीजेपी बंदिायल के कथित दोहरे मानदंड़ों पर नाराजगी जाहिर की थी। इस हलचल के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान से अल कादिर ट्रस्ट केस में जांच में शामिल होने को कहा है।