लंदन, 15 मई। ब्रिटेन और अमेरिका के 18 प्रमुख वैज्ञानिकों के समूह ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के उस निष्कर्ष पर शंका जाहिर की है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति किसी चीनी लैब से हुई। इसके साथ ही इन वैज्ञानिकों ने इस बाबत और अधिक जांच की मांग उठाई है कि कोविड-19 महामारी कहां से निकली।
वैज्ञानिकों के समूह का कहना है कि इस जांच में चीन के वुहान की वायरोलॉजी लैब से वायरस के ‘एक्सिडेंटल लीक’ से आने की धारणा भी शामिल हो। इन वैज्ञानिकों में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रतिरक्षा विज्ञान और संक्रामक रोग विशेषज्ञ भारतीय मूल के रवींद्र गुप्त भी शामिल हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार हार्वर्ड, स्टैनफर्ड और एमआईटी जैसे दुनिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों के 18 विशेषज्ञों ने कहा कि भविष्य के प्रकोपों का जोखिम कम करने के उद्देश्य से वैश्विक रणनीतियां बनाने के लिए यह जानना जरूरी है कि कोरोना संक्रमण कैसे उभरा।
वैज्ञानिकों के समूह ने लिखा है, ‘हम डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक, अमेरिका सहित 13 अन्य देशों और यूरोपीय संघ से सहमत हैं कि इस महामारी की उत्पत्ति के बारे में अधिक स्पष्टता प्राप्त करना आवश्यक और संभव है। जब तक पर्याप्त आंकड़े न हों, तब तक प्राकृतिक तरीके और लैब से वायरस के फैलने के बारे में खबरों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।’
- चीन ने दिसम्बर,19 में दी थी कोरोना वायरस की जानकारी
वैज्ञानिकों ने महामारी के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि किस तरह 30 दिसंबर, 2019 को प्रोग्राम फॉर मॉनीटरिंग इमर्जिंग डिजीज ने दुनिया को चीन के वुहान में अज्ञात कारणों से होने वाले न्यूमोनिया के बारे में सूचित किया था। इससे कारक प्रेरक एजेंट सीवीयर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 (SARS-CoV-2) की पहचान हुई थी।
- लैब लीक को नकार चुकी है डब्ल्यूएचओ की टीम
हालांकि तमाम जांच-पड़ताल के बावजूद प्राकृतिक या किसी लैब से एक्सिडेंटल लीक के प्रसार के समर्थन में कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकल सका था। इस क्रम में डबल्यूएचओ की टीम ने चमगादड़ों से इस वायरस के मनुष्यों में फैलने के बारे में संभावना जताई जबकि किसी लैब से इसके फैलने को असंभव करार दिया था।
फिलहाल विशेषज्ञों ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि कि रिपोर्ट में लैब दुर्घटना का समर्थन करने वाले साक्ष्य पर विचार अपर्याप्त था और संभावना का पूरी तरह से मूल्यांकन करने के लिए अतिरिक्त संसाधन प्रदान करने की पेशकश की।
इन वैज्ञानिकों ने कहा, ‘एक उचित जांच पारदर्शी, उद्देश्यपूर्ण, आंकड़ा-संचालित, व्यापक विशेषज्ञता वाली व स्वतंत्र निरीक्षण के अधीन होनी चाहिए और हितों के टकराव के प्रभाव को कम करने के लिए जिम्मेदारी से प्रबंधन होना चाहिए। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों और अनुसंधान लैबों को अपने रिकॉर्ड सार्वजनिक करने चाहिए।’