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दिल्ली का राजपथ बना कर्तव्यपथ, एनडीएमसी ने पास किया नाम बदलने का प्रस्ताव

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नई दिल्ली, 7 सितम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ का नया नाम अब ‘कर्तव्यपथ’ होगा। बुधवार को हुई एनडीएमसी की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। खास बात है कि 26 जनवरी परेड की गवाह बनने वाले राजपथ का नाम पहले किंग्सवे था। यह गणतंत्र दिवस पर परेड विजय चौक से इंडिया गेट तक की दूरी तय करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम नए राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का शुभारंभ करने जा रहे हैं। अब नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली सड़क और पूरा इलाका कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री आवास मार्ग का नाम भी रेस कोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था।

क्यों बदला गया नाम?

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने राजपथ के नाम बदलने के विचार पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘हम आजादी के बाद औपनिवेशिक मानसिकता को आगे बढ़ाते रहे। राजपथ दिखाता है कि आप राजा के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और हमें साम्राज्यवादी नीतियों, प्रतीकों को खत्म करना होगा। इसलिए राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ किया गया।’

खास बात है कि 15 अगस्त को दिए भाषण में पीएम मोदी ने औपनिवेशिक मानसिकता को दिखाने वाले चिह्नों को खत्म करने की बात पर जोर दिया था। केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा को लेकर तैयार की गई वेबसाइट के अनुसार, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राजपथ और इंडिया गेट लॉन्स शामिल हैं।

राजपथ का इतिहास

ऐतिहासिक राजपथ मार्ग राष्ट्रपति भवन से विजय चौक और इंडिया गेट तक जाता है और पुराना किले पर खत्म होता है। 20वीं सदी की शुरुआत में इसका नाम किंग जॉर्ज पंचम के नाम पर किंग्सवे कर दिया गया था। वह 1911 में दिल्ली दरबार के दौरान दिल्ली आए थे और कलकत्ता के स्थान पर दिल्ली को राजधानी बनाया गया था।

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