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वैक्सीन को लेकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल की केंद्र को नसीहत, बोले – टीम इंडिया बनकर करें काम

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नई दिल्ली, 26 मई। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि यदि मार्च में लोगों को वैक्सीन लग जाती तो दूसरी लहर आती ही नहीं। उन्होंने यह दुखड़ा भी रोया कि जो काम केंद्र का है, उसे राज्य कैसे करें। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि उसे मौजूदा विकट स्थिति में टीम इंडिया की तरह राज्यों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

दरअसल, कोरोना संकट के बीच दिल्ली में बुधवार से ड्राइव थ्रू वैक्सिनेशन अभियान की शुरुआत हुई। अब दिल्लीवासी अपने वाहन में बैठे-बैठे ही वैक्सीन लगवा सकेंगे। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ड्राइव थ्रू वैक्सिनेशन प्रोग्राम को लॉन्च किया।

इस अभियान की लॉन्चिंग के बीच केजरीवाल ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में केंद्र पर प्रहार करते हुए कहा, ‘वैक्सीन को लेकर हम आज भी गंभीरता से काम नही कर रहे हैं। सभी राज्यों से कह दिया गया कि अपना-अपना इंतज़ाम कर लो। वैक्सीन को लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री के संपर्क हूं, अब तक कोई राज्य वैक्सीन का एक भी टीका नही ले पाया है। वैक्सीन कम्पनियों ने केंद्र सरकार से बात करने का हवाला दे दिया है। सारे टेंडर फेल हो गए तो देश वैक्सीन क्यों नहीं खरीद रहा है?’

सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘इस समय हमारा देश कोरोना महामारी के खिलाफ युद्ध कर रहा है। ऐसे युद्ध के समय यह नहीं कह सकते कि सब राज्य अपना-अपना देख लें। कल पाकिस्तान यदि भारत पर हमला कर दे तो यह थोड़ी कहेंगे कि सारे राज्य अपना-अपना देख लें। उत्तर प्रदेश वाले अपना टैंक खरीद लें और दिल्ली वाले अपने हथियार खरीद लें।’

उन्होंने कहा, ‘अगर दिल्ली सरकार हारती है तो भारत हारेगा। यह समय भारत को एक साथ काम करने का है, टीम इंडिया बनकर काम करने का है। प्रधानमंत्री से अपील है कि सभी मुख्यमंत्री देश के सिपाही बनकर काम कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार का काम हम कैसे करें।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री के तीखे बयान के तत्काल बाद भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख  अमित मालवीय ने कहा, ‘इसके लिए (वैक्सीन की कमी) आप (अरविंद केजरीवाल) जिम्मेदार हैं। आप वैक्सीन खरीदने की आजादी चाहते थे। आपको विकल्प दिया गया था, लेकिन आपने कुछ नहीं किया। दिल्ली सरकार ने गत 26 अप्रैल को 1.3  करोड़ टीके कहां से मंगवाए हैं? आप कुछ नहीं करने में ही अच्छे हैं। आप बेड, ऑक्सीजन आदि का प्रबंध भी नहीं कर सके और लोग मर गए।’

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