नई दिल्ली, 26 नवम्बर। दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही, हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम संबंधी स्थितियों में बदलाव से कुछ राहत मिलने के आसार बन रहे हैं। निगरानी एजेंसियों ने यह जानकारी दी। राजधानी में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 रहा। पूरे दिन का औसत एक्यूआई शाम चार बजे दर्ज किया जाता है।
शनिवार को एक्यूआई 389, शुक्रवार को 415, बृहस्पतिवार को 390, बुधवार को 394, मंगलवार को 365, सोमवार को 348 और रविवार (19 नवंबर) को 301 दर्ज किया गया था। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’, 401 और 450 के बीच ‘गंभीर’ एवं 450 के ऊपर ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी में नवम्बर में अब तक 10 दिन ऐसे रहे हैं जब वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। राजधानी में पिछले साल इसी माह में ऐसे केवल तीन दिन ही थे, जबकि 2021 में ऐसे दिनों की संख्या 12 रही, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निगरानी शुरू किए जाने के बाद से नवंबर में सर्वाधिक है।
केंद्र ने हवा की अनुकूल गति और दिशा के कारण प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बाद पिछले शनिवार को दिल्ली में कुछ परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध सहित कड़े प्रतिबंध हटा दिए थे, जिसके बाद एक्यूआई के स्तर में वृद्धि हुई है।
दिल्ली सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में ‘बायोमास’ में आग की घटनाओं का योगदान 31 से 51 प्रतिशत रहा।
आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का योगदान 31 प्रतिशत रहा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित एजेंसियों और विभागों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती से अंकुश लगाने और बायोमास जलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने का निर्देश दिया है।