Site icon hindi.revoi.in

एल्गार परिषद मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू ने जमानत याचिका वापस ली

Social Share

नई दिल्ली, 3 मई। दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में जमानत की मांग वाली अपनी याचिका को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले लिया।

न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने बाबू की ओर से पेश अधिवक्ता की दलील पर गौर किया। बाबू ने अपनी दलील में कहा कि मामले में पांच अन्य सह-अभियुक्तों को जमानत दे दी गई है।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि परिस्थिति बदल गई और वह मौजूदा याचिका को पेश करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख नहीं करना चाहते।’’

उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जवाब मांगा था। उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर 2022 को बाबू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

मामले की जांच कर रही एनआईए ने बाबू पर प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेताओं के कहने पर माओवादी गतिविधियों और विचारधारा के प्रचार-प्रसार में सह-साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है। बाबू को इस मामले में जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद है।

Exit mobile version