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जंतर-मंतर पर प्रदर्शन : दिल्ली पुलिस ने बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

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नई दिल्ली, 28 मई। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर रविवार को दिन में हुए प्रदर्शन को लेकर देर शाम पहलवानों – साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ ही प्रदर्शन के आयोजकों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा – 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान उसी भवन के सामने पहलवानों ने महिला महापंचायत का एलान किया था। पहलवान जब मार्च निकाल रहे थे, तभी पुलिस ने सख्त काररवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था। इसके साथ ही प्रदर्शन स्थल से पहलवानों के तंबू आदि भी हटा दिए थे।

रात में भी कुछ लोग जंतर-मंतर पहुंचे, उन्हें वापस भेज दिया गया

प्राप्त जानकारी के अनुसार बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के अलावा पहलवानों के प्रदर्शन के जो भी आयोजक थे, उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस का कहना है रात में भी तकरीबन 7-8 लोग प्रदर्शन वाली जगह पर आए थे, लेकिन उन्हें वापस भेज दिया गया है। अब प्रोटेस्ट करने की इजाजत नही दी गई।

विनेश फोगाट ने पूछा – क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है?

इस बीच एफआईआर दर्ज होने को लेकर पहलवान विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है। एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।’

काररवाई को लेकर दिल्ली पुलिस की चौतरफा निंदा

फिलहाल पहलवानों पर रविवार को हुई काररवाई के बाद जहां दिल्ली पुलिस की चौतरफा निंदा हो रही है, वहीं इस पूरे मामले के कुछ घंटे बाद पहलवानों ने लड़ाई जारी रखने का एलान किया था। साक्षी मलिक ने कहा था कि पहलवानों का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है और जैसे ही दिल्ली पुलिस उन्हें रिहा करेगी, वे जंतर-मंतर पर लौटेंगे।

हमारा विरोध खत्म नहीं हुआ : साक्षी मलिक

साक्षी ने ट्विटर पर लिखा था, ‘हमारा विरोध खत्म नहीं हुआ है। हम पुलिस हिरासत से रिहा हुए हैं और जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह वापस शुरू करेंगे। इस देश में महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा, तानाशाही नहीं।’

स्वाति मालीवाल ने की ये मांग

इस बीच दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को पत्र लिखकर WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने पहलवानों की रिहाई और उन्हें हिरासत में लेने वाले अधिकारियों पर काररवाई की भी मांग की।

हिरासत में थे बजरंग पूनिया, देर रात हुए रिहा

इससे पहले पहलवान बजरंग पूनिया का भी ट्वीट आया था, जिसमें उन्होंने खुद को हिरासत में रखे जाने की बात कही थी जबकि उस समय पुलिस ने कुछ महिला पहलवानों को रिहा कर दिया था, लेकिन कई पहलवान हिरासत में थे। बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर दावा किया था कि वे अब भी पुलिस की हिरासत में हैं। उन्हें यह बताया भी नहीं जा रहा है कि किस जुर्म के लिए उन्हें डिटेन किया गया है।

बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे अभी तक पुलिस ने अपनी हिरासत में रखा हुआ है। कुछ बता नहीं रहे। क्या मैंने कोई जुर्म किया है? कैद में तो बृजभूषण को होना चाहिए था। हमें क्यों कैद करके रखा गया है?’ हालांकि देर रात खबर मिली कि बजरंग पूनिया को भी रिहा कर दिया गया है।

राकेश टिकैत ने रिहाई के लिए बॉर्डर पर किया था प्रदर्शन

उधर, पहलवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजियाबाद बार्डर पर डट गए थे। वह यहां से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें रोक रही थी। पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद टिकैत ने कहा था कि पहले खिलाड़ियों की रिहाई होगी, इसके बाद ही किसान बॉर्डर से विदा होंगे। उन्होंने कहा था, ‘पहले खिलाड़ियों को छोड़ा जाए या फिर हमें भी गिरफ्तार किया जाए। हालांकि बाद में जब पहलवानों को हिरासत से छोड़े जाने की खबर आई थी तो वह बॉर्डर से लौट गए थे।

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