नई दिल्ली, 30 अप्रैल। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सात महिला शिकायतकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा प्रदान की है। इसके पूर्व शुक्रवार की रात यौन उत्पीड़न मामले को लेकर बृजभूषण के खिलाफ दो FIR दर्ज की गई थी।
जल्द दर्ज किए जाएंगे शिकायतकर्ता पहलवानों के बयान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस सभी सात शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराती है। पुलिस ने उनके बयान दर्ज करने के संबंध में भी उनसे संपर्क किया। बयान जल्द दर्ज किए जाने की संभावना है।
डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर पहले दो प्राथमिकी में एक मामला महिला पहलवान का शील भंग करने, पीछा करने और पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत दर्ज किया गया था। भाजपा सांसद पर सात महिला पहलवानों और एक नाबालिग लड़की ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
पहलवानों को 3 महीने पहले ऐसा करना चाहिए था : योगेश्वर दत्त
इस बीच पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति के सदस्य और ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि पीड़ित पहलवानों को तीन माह
कमेटी किसी को दोषी या निर्दोष साबित नहीं कर सकती
योगेश्वर दत्त ने कहा, ‘पहलवानों को तीन महीने पहले ऐसा करना चाहिए था। मैंने पहले भी कहा था कि अगर वे काररवाई चाहते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए। ये बात मैंने पहलवानों को पहले भी बोली थी कि पुलिस रिपोर्ट कर देनी चाहिए, न्याय तो कोर्ट से ही मिलेगा। दो कमेटी भी बनाई गई थी, जिसमें एक खेल मंत्रालय ने बनाई थी और दूसरी भारतीय ओलंपिक संघ ने बनाई थी। कमेटी किसी को दोषी या निर्दोष साबित नहीं कर सकती है और न ही कमेटी के पास ये पावर है। पावर तो केवल कोर्ट के पास है दोषी और निर्दोष साबित करने का। कमेटी का तो केवल इतना काम है कि वो दोनों पक्षों की बात सुने और आगे रिपोर्ट सबमिट कर दे।’