नई दिल्ली, 12 मई। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने अहम कदम उठाया है। इस क्रम में महिला पहलवानों से संबंधित मामलों की विस्तार से तफ्तीश करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। एसआईटी में कई अलग-अलग ब्रांच के पुलिस अधिकारी को भी शामिल किया गया है। महिला पहलवानों द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर कई राज्यों में जाकर इस केस से जुड़े इनपुट्स को एकत्रित किया जा रहा है।
देश के कई नामचीन पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। जनवरी, 2022 में सरकार की ओर से जांच समिति के गठन के बाद पहलवानों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया था, लेकिन जांच समिति के काम करने के तरीके से नाखुश होकर पहलवान एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं, जिनमें से एक पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) की धारा 10 से भी संबंधित है। दिल्ली पुलिस ने इसी सप्ताह एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए हैं। नाबालिग पहलवान ने बुधवार को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत एक मज्ट्रिरेट के समक्ष भी अपना बयान दर्ज कराया।
इससे पहले प्रदर्शन के 18वें दिन गुरुवार को पहलवानों ने अपने बाजुओं और माथे पर काली पट्टी बांधकर अपना रोष जताया। जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और अन्य पहलवानों ने काली पट्टी बांधी तथा 11 मई को ‘काला दिवस’ करार दिया। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद अन्य समर्थकों ने भी अपनी बाजुओं पर काली पट्टी बांधीं।