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दिल्ली : उपराज्यपाल विनय सक्सेना का केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश

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नई दिल्ली, 22 जुलाई। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बार फिर आमने-सामने हैं। इस क्रम में उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। उपराज्यपाल के इस फैसले से दिल्ली सरकार और खासकर आबकारी मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

दिल्ली सरकार पर शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप

केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ आरोप है कि इसके जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की रिपोर्ट में कहा गया है कि नई आबकारी नीति में नियमों की अनदेखी कर लाइसेंस बांटे गए।

भाजपा का प्रहार – कम से कम 155 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई

उपराज्यपाल के निर्णय के बाद भाजपा सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर हमलावर है। भाजपा का आरोप है कि अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले जो पैसे मिले, उसे आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनावों में खर्च किया। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कम से कम 155 करोड़ रूपये की हेराफेरी की गई है।

इसी क्रम में भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट कर लिखा, ‘सुना है दिल्ली में शराब का कारोबार करने वाले मंत्री पर भी काररवाई होने वाली है! एक मंत्री पहले से जेल में है, दूसरा भी तैयार है!’

सीएम केजरीवाल के सिंगापुर दौरे का प्रस्ताव भी खारिज कर चुके हैं एलजी

गौरतलब है कि हाल ही में सीएम केजरीवाल के प्रस्तावित सिंगापुर दौरे को लेकर भी दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने थे। केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के ‘आप’ सरकार का प्रस्ताव उपराज्यपाल ने खारिज कर दिया था। मुख्यमंत्री केजरीवाल को एक अगस्त को सिंगापुर जाना था, लेकिन उपराज्यपाल ने केजरीवाल को सम्मेलन में भाग नहीं लेने की सलाह दी और कहा कि यह महापौरों का सम्मेलन है। ऐसे में एक मुख्यमंत्री के लिए इसमें भाग ठीक नहीं होगा।

पंजाब की जीत के बाद आप व केजरीवाल से घबराए हुए हैं प्रधानमंत्री

फिलहाल उपराज्यपाल के आबकारी नीति की सीबीआई जांच के फैसले से आम आदमी पार्टी में नाराजगी है। एक प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी पंजाब की जीत के बाद अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से घबराए हुए हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, में मेयर, निगम और पार्षद चुनावों में लोग ‘आप’ को जिता रहे हैं। इसलिए अब सीबीआई, इनकम टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय, ‘आप’ के हर मंत्री की जांच करेगी ताकि हमें रोका जा सके।”

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