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दिल्ली के एलजी का बड़ा एक्शन – आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण सहित 11 अधिकारी निलंबित

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नई दिल्ली, 6 अगस्त। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति को लेकर बड़ी काररवाई की है। उन्होंने विजिलेंस रिपोर्ट के बाद आबकारी नीति में घोटाले के आरोप में आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दानीक्स आनंद कुमार तिवारी सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई आबकारी नीति को लागू करने में हुई चूक को लेकर की गई है। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक काररवाई करने की विजिलेंस को मंजूरी दे दी है।

दिल्ली सरकार को आबकारी नीति के तहत हजारों करोड़ का नुकसान हुआ : सिसोदिया

इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने, जो आबकारी मंत्री भी हैं, पहली बार स्वीकार किया कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत ‘हजारों करोड़ रुपये’ का नुकसान हुआ है। इसके लिए उन्होंने एलजी पर आरोप लगाया, जिन्होंने 17 नवंबर 2021 से लागू हुई नई व्यवस्था पर अंतिम क्षण में यू-टर्न ले लिया। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा कि अब वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।

एलजी के पास दो बार भेजी गई थी फाइल

शनिवार को सिसोदिया के आरोपों के कुछ मिनट बाद, एलजी कार्यालय ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त, आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण और दानिक्स अधिकारी आनंद कुमार तिवारी, उप आबकारी आयुक्त के खिलाफ ‘प्रमुख अनुशासनात्मक कार्यवाही’ शुरू करने को मंजूरी दे दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि 2021-22 आबकारी नीति को लागू करने से पहले दो बार फाइल एलजी के पास भेजी गई थी।

लॉन्च से 48 घंटे पहले एलजी ने वापस भेजी फाइल

सिसोदिया ने कहा कि पहली बार तत्कालीन एलजी अनिल बैजल ने कुछ सुझावों और बदलावों के साथ फाइल वापस भेजी थी, जिसे दिल्ली सरकार ने शामिल किया था। डिप्टी सीएम ने कहा, ‘एलजी द्वारा सुझाए गए आवश्यक बदलाव करने के बाद, फाइल को नवंबर के पहले हफ्ते में दूसरी बार भेजा गया था। नई नीति को 17 नवंबर से लागू किया जाना था और एलजी ने लॉन्च से ठीक 48 घंटे पहले 15 नवंबर को फाइल वापस कर दी और हमें इसमें एक बड़ा बदलाव करने के लिए कहा। एलजी ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानों को अनुमति देने के लिए हमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नगर निगम से अनुमति लेनी होगी।’

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