नई दिल्ली, 5 सितम्बर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा। बेसमेंट मालिक अभी जेल में हैं। जुलाई में इसी बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने बेसमेंट के सह-मालिक परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिकाओं पर एजेंसी को नोटिस जारी किया और उससे जवाब देने को कहा। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, ‘‘यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा मामला ‘‘कोई साधारण मामला नहीं है’’।
हाई कोर्ट ने सीबीआई के वकील से बेसमेंट के सह-मालिकों की जवाबदेही के संदर्भ में ‘‘ठोस सबूत’’ देने को कहा और घटना में मारे गए छात्रों में से एक के पिता को जमानत याचिकाओं पर ‘‘संक्षिप्त जवाब’’ देने को कहा।
मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई की शाम भारी बारिश के बाद ‘राउज आईएएस स्टडी सर्कल’ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा की तैयारी करने वाली उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नवीन डेल्विन (24) की डूबने से मौत हो गई थी। मामले की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) समेत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जांच की जा रही है। उच्च न्यायालय ने मामले की जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस से सीबीआई को सौंप दिया है।
बेसमेंट के चारों सह-मालिकों ने दलील दी कि वे सिर्फ उस बेसमेंट के मालिक हैं जिसे कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था और इसलिए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इससे पहले एक निचली अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका यह कहकर खारिज कर दी थी कि सीबीआई जांच अभी शुरुआती चरण में है और मामले में उनकी विशिष्ट भूमिकाएं का पता लगाए जाने की जरूरत है। मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।