नई दिल्ली, 26 मई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की याचिकाएं खारिज कर दीं, जिनमें उन्होंने हथियार सौदागर संजय भंडारी से जुड़े मामले में आयकर विभाग के मूल्यांकन को सामान्य मूल्यांकन की जगह ‘सेंट्रल सर्किल’ में स्थानांतरित करने के विभाग के फैसले को चुनौती दी थी।
अदालत ने संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, जवाहर भवन ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, यंग इंडियन और आम आदमी पार्टी की वे अलग-अलग याचिकाएं भी खारिज कर दीं, जिनमें समान कानूनी मुद्दे उठाए गए थे।
गांधी परिवार ने आयकर प्रधान आयुक्त द्वारा आकलन वर्ष 2018-19 के लिए अपने मामलों को ‘सेंट्रल सर्किल’ में स्थानांतरित करने के संबंध में जारी आदेश को चुनौती दी थी। ‘सेंट्रल सर्किल’ को कर चोरी की जांच तथा इसकी रोकथाम का काम सौंपा गया है। वह तलाशी के दौरान जांच शाखा द्वारा एकत्र किए गए सबूतों को अपने कब्जे में ले लेता है।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, “याचिकाकर्ताओं के मूल्यांकन को कानून के अनुसार सेंट्रल सर्किल में स्थानांतरित कर दिया गया है। वर्तमान रिट याचिकाएं खारिज की जाती हैं।” गांधी परिवार ने अपने मामले ‘सेंट्रल सर्किल’ को स्थानांतरित किए जाने का विरोध करते हुए दलील दी थी कि उनका संजय भंडारी समूह के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।
धन शोधन के आरोपों में भारत में वांछित भंडारी के प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ, लंदन स्थित फ्लैट को लेकर कथित संबंध बताए जाते हैं। हालांकि वाड्रा ने भंडारी के साथ कोई भी कारोबारी संपर्क होने से इनकार किया है।