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दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने AAP से दिया इस्तीफा, बोले – भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है पार्टी

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नई दिल्ली, 10 अप्रैल। दिल्ली का कथित आबकारी नीति घोटाला और उससे जुड़े धनशोधन मामले में लगातार घिरती जा रही आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को झटका लगा, जब दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने बुधवार को पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया।

पटेल नगर सीट से 2020 में पहली बार बने थे विधायक

राजकुमार आनंद वर्ष 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे। इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवम्बर में धनशोधन मामले में ही राजकुमार आनंद के आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी।

इस्तीफे से 2 घंटे पहले मोदी सरकार को घेरते हुए X पर पोस्ट किया था

दिलचस्प तो यह रहा कि इस्तीफा देते हुए राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी पर सवाल उठाए जबकि महज दो घंटे पहले उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए X पर पोस्ट किया था।

फिलहाल राजकुमार आनंद ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कनेक्शन इसलिए हुआ कि उन्होंने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा…आज राजनीति नहीं बदली है, लेकिन राजनेता बदल गए हैं। मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है।’

‘मैंने इसलिए इस्तीफा दिया कि इस भ्रष्टाचार से अपना नाम नहीं जोड़ सकता

राजकुमार आनंद ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ था, लेकिन आज पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मेरे लिए मंत्री पद पर काम करना मुश्किल हो गया है। मैंने मंत्री पद से और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि मैं इस भ्रष्टाचार से अपना नाम नहीं जोड़ सकता।’

मैं किसी भी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहा

आनंद ने यह भी कहा, ‘मैं समाज का बदला चुकाने के लिए मंत्री बना हूं। मैं ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं बनना चाहता, जो पीछे हटती हो। जब दलित प्रतिनिधित्व की बात हो रही है तो मैं किसी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं।’

सौरभ भारद्वाज बोले – ईडी से डर गए राजकुमार आनंद

वहीं राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘हर कोई जानता है कि उनके आवास पर ईडी की छापेमारी हुई थी। वह दबाव में थे और डर गए थे। हमें उनसे कोई शिकायत नहीं है। एक स्क्रिप्ट दी गई और उनके पास इसे पढ़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था…हमने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से एक दलित उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का कारण पार्टी को तोड़ना और दिल्ली और पंजाब सरकार को भंग करना था।’