नई दिल्ली, 30 सितम्बर। दशहरा व दीपावली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के बाद दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए अब छठ पूजा को लेकर बड़ा फैसला किया है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर इस बार भी छठ पूजा नहीं की जा सकेगी।
डीडीएमए के नए दिशानिर्देश 15 नवंबर तक प्रभावी
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने त्योहारों के मद्देनजर ये नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो 15 नवंबर तक प्रभावी रहेंगी। डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा है कि छठ पूजा के लिए मेला आयोजन करने की छूट नहीं होगी और न ही सार्वजिनक स्थान पर छठ पूजा होगी। कोरोना संकट की वजह से पिछले वर्ष भी छठ पूजा घर पर ही मनाने की अपील की गई थी।
गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर गणेश उत्सव, विसर्जन करने की भी छूट नहीं दी गई थी, तब भी सार्वजनकि कार्यक्रमों पर रोक थी।
प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर पहले से ही बैन
स्मरण रहे कि दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर पहले से ही बैन लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 सितम्बर को ट्वीट कर इस आशय की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि वायु प्रदूषण के चलते इस साल भी पटाखों के स्टोरेज, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यह लगातार तीसरा वर्ष है, ज दिल्ली में पिछले पटाखों के चलाने पर प्रतिबंध लगा है।
फेस्टिव सीजन के दौरान मेला, फूड स्टाल, झूले, रैली आदि की इजाजत नहीं
डीडीएमए की गाइडलाइंस में कहा गया है कि फेस्टिव सीजन के दौरान दिल्ली में मेला, फूड स्टाल, झूले, रैली आदि की इजाजत नहीं रहेगी। त्योहार से संबंधित कोई भी इवेंट करने के लिए इलाके के डीएम से इजाज़त लेना जरूरी होगा। किसी भी इवेंट की इजाजत इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दिल्ली पुलिस के डीसीपी मिल कर देंगे।
किसी बंद जगह में आयोजन के दौरान पूरी क्षमता के 50% ही लोग होंगे और 200 से ज़्यादा लोग नहीं हो सकते। खुली जगह में एरिया और सामाजिक दूरी के नियम के हिसाब से अधिकतम संख्या सख्ती के साथ तय की जाएगी।