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अरविंद केजरीवाल का मोदी सरकार से सवाल – केंद्र की हालत ज्यादा खराब तो नहीं हो गई?

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नई दिल्ली, 11 अगस्त। मुफ्त सुविधाएं देने के चुनावी वादों (रेवड़ी कल्चर) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर चल रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एकबार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार करते हुए पूछा है कि क्या मोदी सरकार की आर्थिक हालत ज्यादा खराब हो गई है?

सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से जनता को मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि सारी मुफ्त की सुविधाओं को बंद किया जाए। क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ज्यादा खराब तो नहीं हो गई है?’

हाल ही में बढ़ाए गए जीएसटी को लेकर केजरीवाल ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों में कभी भी सरकार ने बुनियादी खाद्यान्न पर कर नहीं लगाया। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स 1000 करोड़ से अधिक है। वे (केंद्र) अब कह रहे हैं कि सरकार की सभी मुफ्त चीजें खत्म होनी चाहिए, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों में फीस ली जानी चाहिए। वे कह रहे हैं कि मुफ्त राशन बंद कर दिया जाए? कहां गया केंद्र का सारा पैसा?

सरकारी पैसों से दोस्तों का कर्ज माफ करने का लगाया आरोप

केंजरीवाल ने केंद्र पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा – ‘वे इस सरकारी पैसे से अपने दोस्तों का कर्ज माफ कर रहे हैं। उन्होंने अपने अरबपति दोस्तों के टैक्स भी माफ कर दिए हैं।’ केंद्र की नई सैन्य भर्ती योजना को लेकर दिल्ली के सीएम ने कहा, ‘अग्निपथ योजना जब लेकर आए तो कहा गया कि इसको लाने की जरूरत इसलिए पड़ी कि सैनिकों की पेंशन का खर्च इतना बढ़ गया कि केंद्र सरकार उसको बर्दाश्त नहीं कर पा रही।’ उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई सरकार ऐसा कह रही है।

सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी – मुफ्त वितरण एक गंभीर मुद्दा, इससे अर्थव्यवस्था का पैसा डूब रहा

गौरतलब है कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार का वादा और वितरण एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।

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