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गैस चेंबर बनी दिल्ली, वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंची

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नई दिल्ली, 5 नवम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की प्रतिकूल स्थितियों, खासतौर पर रात के समय हवाओं के शांत रहने के बीच रविवार को भी लगातार छठे दिन जहरीली धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। शहर में शनिवार शाम चार बजे एक्यूआई 415 दर्ज किया गया, जो रविवार सुबह सात बजे और खराब होकर 460 पर पहुंच गया।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक्यूआई के 450 के पार पहुंच जाने पर केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना को लागू किया जाना अनिवार्य है जिसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, चार पहिया वाले वाणिज्यिक वाहनों और सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के साथ आपातकालीन कदम उठाए जाते हैं।

दिल्ली-एनसीआर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)- 2.5 की सांद्रता कई स्थानों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात-आठ गुना अधिक है। ये सूक्ष्म कण सांस के माध्यम से शरीर के भीतर तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं पैदा करने में सक्षम हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा के मुकाबले दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 80 से 100 गुना दर्ज की गई है। बीते सप्ताह से दिल्ली-एनसीआर में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने, प्रदूषण में सहायक शांत हवा की उपस्थिति और पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता बहुत खराब हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 27 अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 से अधिक अंकों तक बढ़ गया है, जो शुक्रवार को ‘अति गंभीर’ श्रेणी (450 से ऊपर) में पहुंच गया। 24 घंटे का औसत एक्यूआई हर दिन शाम चार बजे दर्ज किया जाता है।

दिल्ली में शुक्रवार को बीते 24 घंटे का औसत एक्यूआई 468 दर्ज किया गया जो 12 नवंबर, 2021 को दर्ज 471 के बाद सबसे प्रदूषित दिन रहा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी से राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण उच्च स्तर पर होता है।

दुनिया के राजधानी शहरों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है। शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) की ओर से अगस्त में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वायु प्रदूषण दिल्ली के लोगों की उम्र लगभग 12 साल कम कर रहा है।

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