नई दिल्ली, 30 अगस्त। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि संकटग्रस्त अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति ने सुरक्षा की दृष्टि से नए सवाल खड़े कर दिए हैं और भारत ने इसपर लगातार पैनी नजर बनाए रखी है। केंद्र सरकार वहां मौजूदा भारतीयों की सुरक्षा के साथ यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि अफगानिस्तान में स्थिति का फायदा उठाते हुए राष्ट्र विरोधी ताकतें सीमा पार आतंकवाद को बढावा न दें।
राजनाथ सिंह सोमवार को स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन व्याख्यानमाला के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के मुद्दे पर आयोजित संगोष्ठी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित कर रहे थे। पंजाब विश्वविद्यालय ने चंडीगढ़ में इसका आयोजन किया था।
सीमा सुरक्षा के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत विरोधी कई ताकतों ने भारत में अस्थिरता का माहौल पैदा करने की कोशिश की है। पाकिस्तान की धरती से इस सिलसिले में भरसक कोशिशें की गईं, लेकिन भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने न सिर्फ हर चुनौती का सामना किया बल्कि उसका जवाब भी दिया। संघर्ष विराम उल्लंघन करने पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हमेशा करारा जवाब दिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी समस्या विश्वास की कमी
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के मुद्दे पर सहमति बनी है, लेकिन भारत अभी स्थिति पर निगाह रखे हुए है क्योंकि दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी समस्या विश्वास की कमी है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो जाएगा क्योंकि अनुच्छेद 370 और 35 ए के जरिए विभाजनकारी ताकतों को जो मजबूती मिलती थी, अब वह समाप्त हो गई है।
राजनाथ ने कहा कि ये सच है कि चीन के साथ सीमा को लेकर वैचारिक मतभेद हैं और इसके बावजूद दोनों देशों के बीच कुछ समझौते और सहमतियां बनी हैं, जिसके आधार पर दोनों देशों की सेनाएं गश्त लगाती हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर लद्दाख में पिछले वर्ष का विवाद इसलिए हुआ कि चीन की सेना ने इन समझौतों का उल्लंघन किया।
एलएसी पर चीनी सेना को एकतरफा काररवाई की कदापि अनुमति नहीं देंगे
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत किसी भी परिस्थिति में चीनी सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा काररवाई करने की अनुमति नहीं देगा। गलवान घाटी में भारतीय सेना की ओर से दिखाए गए साहस, बहादुरी और संयम को अतुलनीय बताते हुए सिंह ने कहा कि भावी पीढि़यां भी इन बहादुर सैनिकों पर गर्व करेंगी।
राजनाथ ने यह भी कहा कि लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं चल रही हैं। ये केवल बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।