नई दिल्ली, 19 अक्टूबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एक जिम्मेदार समुद्री पक्ष होने के नाते भारत आम सहमति पर आधारित सिद्धांतों और शांतिपूर्ण, मुक्त, नियम आधारित और स्थिर विश्व व्यवस्था का समर्थन करता है। वह सोमवार को द्वितीय नौसेना कमांडर सम्मेलन-2021 के प्रारंभिक सत्र में नौसेना कमांडरों को संबोधित कर रहे थे।
भारत की भौगोलिक स्थिति व्यापार और संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत नौवहन की नियम आधारित स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों और मुक्त व्यापार के भारतीय महासागर क्षेत्र की कल्पना करता है, जिसमें सभी प्रतिभागी देशों के हितों की रक्षा का प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति कई मायनों में अनूठी है और यह रणनीतिक, व्यापार और संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारतीय समुद्री क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की बहुत आवश्यकता
आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नौसेना पहले से ही अग्रिम भूमिका निभा रही
राजनाथ ने कहा कि नौसेना आत्मनिर्भरता, जहाज निर्माण में स्वदेशीकरण और पनडुब्बियों के निर्माण के क्षेत्र में पहले से ही अग्रिम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान स्वदेशी खरीद पर नौसेना के आधुनिकीकरण के बजट का दो-तिहाई से अधिक भाग खर्च किया गया है।
इस पांच दिवसीय सम्मेलन प्रमुख प्रचालन, सामग्री, लॉजिस्टिक, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा के लिए भारतीय नौसेना के सभी प्रचालन और क्षेत्रीय कमांडर भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान थलसेना और वायुसेना प्रमुख भी नौसेना के कमांडरों के साथ विचार-विमर्श करेंगे, ताकि किसी भी अभियान में सेना के तीनों अंगों के बीच बेहतर तालमेल बना रहे।