Site icon hindi.revoi.in

पेरिस पैरालम्पिक : दीप्ति ने 400 मीटर दौड़ में जीता कांस्य पदक, शूटर अवनि दूसरी बार पदक से चूकीं

Social Share

पेरिस, 3 सितम्बर। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय धाविका दीप्ति जीवनजी ने मंगलवार को यहां पेरिस पैरालम्पिक खेलों के ट्रैक एंड फील्ड मुकाबलों की 400 मीटर T20 दौड़ में कांस्य पदक जीता। लेकिन पदक स्पर्धाओं के पहले दिन स्वर्ण पदक से भारत का खाता खोलने वालीं स्टार निशानेबाज अवनि लेखरा महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहते हुए खेलों के मौजूदा संस्करण में दूसरी बार पदक जीतने से चूक गईं।

इसी माह अपना 21वां जन्मदिन मनाने के लिए तैयार  दीप्ति ने 55.82 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक पर नाम लिखाया। वह यूक्रेन की यूलिया शुलियार (55.16 सेकेंड) और विश्व रिकॉर्ड धारक तुर्की की आयसेल ओंडर (55.23 सेकेंड) के बाद तीसरे स्थान पर रहीं। T20 श्रेणी बौद्धिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों के लिए है।

तेलंगाना के वारंगल जिले के कल्लेडा गांव के खेतिहर मजदूर की बेटी दीप्ति की इस सफलता के साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या अब 15 हो गई है, जिसमें तीन स्वर्ण, पांच रजत और सात कांस्य पदक शामिल हैं।

उधर अवनि 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहीं। राजस्थान की 22 साल की यह निशानेबाज कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण 11 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। उन्होंने आठ खिलाड़ियों के फाइनल में नीलिंग, प्रोन और स्टैंडिंग में 420.6 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहते हुए अपना अभियान खत्म किया। जर्मनी की नताशा हिल्ट्रोप ने कुल 456.5 के साथ स्वर्ण पदक जीता, स्लोवाकिया की वेरोनिका वाडोविकोवा ने 456.1 के साथ रजत और चीन की झांग ने 446.0 के साथ कांस्य पदक जीता।

महिलाओं की एफ34 महिला गोला फेंक में भाग्यश्री पांचवें स्थान पर

इस बीच भाग्यश्री जाधव महिलाओं की एफ34 महिला गोला फेंक के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहीं। पैरालम्पिक में दूसरी बार हिस्सा ले रही भाग्यश्री ने गोले को 7.28 मीटर की दूरी तक फेंका, लेकिन यह पोडियम पर जगह दिलाने के लिए नाकाफी था। चीन की लिजुआन झोउ ने 9.41 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि पोलैंड की लुसीना कोर्नोबीस ने 8.33 मीटर के प्रयास से रजत पदक अपने नाम किया।

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले की रहने वाली 39 वर्षीया भाग्यश्री 2006 में दुर्घटना के बाद अपने पैरों का इस्तेमाल नहीं कर पातीं। इस घटना के बाद वह अवसाद में चली गईं थी और परिवार तथा मित्रों के उत्साहवर्धन के बाद पैरा खेलों से जुड़ी। वहीं एफ34 वर्ग के खिलाड़ियों को हाइपरटोनिया (कठोर मांसपेशियां), एटैक्सिया (खराब मांसपेशी नियंत्रण) और एथेटोसिस (अंगों या धड़ की धीमी गति) सहित समन्वय संबंधी कमियों से निबटना पड़ता है।

तीरंदाज पूजा 4-0 की बढ़त बनाने के बावजूद क्वार्टर फाइनल में हारी

उधर विश्व पैरा चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता पूजा जटियां महिला रिकर्व ओपन क्वार्टर फाइनल में पहले दो सेट जीतकर 4-0 की बढ़त बनाने के बावजूद चीन की दिग्गज वू चुनयान के खिलाफ 4-6 की हार के साथ पेरिस पैरालम्पिक से बाहर हो गईं।

Exit mobile version