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दीपावली 2022 : दो हजार वर्षों में पहली बार बना अद्भुत संयोग

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। ज्योतिष गणना के मुताबिक, सोमवार, 24 अक्टूबर को दिवाली पर कार्तिक अमावस्या की तिथि शाम 5.30 के बाद शुरू हो रही है। दिवाली के दिन शाम को लक्ष्मी पूजा के समय चित्रा नक्षत्र रहेगा और पांच राजयोग बनेंगे। इसके साथ ही इस समय बुध, गुरु, शुक्र, और शनि का एक दुर्लभ संयोग बनेगा जोकि दो हजार वर्षों के इतिहास में पहली बार बनने जा रहा है। इससे यह लक्ष्मी पर्व कई गुना पुण्य फलदायी होगा तथा यह सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध से आगे वाली राशि में सूर्य-शुक्र होने से आर्थिक तरक्की का योग बनेगा. वहीं इस दौरान शुक्र और बुध लोगों के व्यापार बेहतर करेंगे. वहीं वे आर्थिक मजबूती भी लाएंगे। गुरु और बुध अपनी राशियों में होकर आमने-सामने रहेंगे। इस विशेष धन योग के प्रभाव से भारत की व्यवसायिक स्थिति मजबूत होगी। भारत में मंदी दूर होगी आईटी और संचार के क्षेत्रों में मजबूती आएगी।

गृहस्थजन कब से कब तक करें दीपावली का पूजन

भविष्य पुराण के अनुसार, “कार्तिक प्रदोषे तु विशेषेण अमावस्या निशावर्धके। तस्यां सम्पूज्येत देवीं भोग मोक्ष प्रदायिनीम”।। यानी जिस दिन मध्यरात्रि और प्रदोष काल में अमावस्या तिथि हो उसी दिन भोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए दिवाली पूजन करना चाहिए।

अमावस्या तिथि कितने बजे से

इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लग रही है और इसी दिन प्रदोष काल में और मध्यरात्रि में अमावस्या तिथि है। इसलिए गृहस्थ जनों को 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पूजन प्रदोष काल में करना चाहिए।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन

प्रदोष काल शाम में 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा। इस समय चर चौघड़िया रहेगा, जो शाम में 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा। शाम में मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है। ऐसे में स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए स्थिर लग्न में शाम 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट से पहले गृहस्थ जनों को देवी लक्ष्मी की पूजा आरंभ कर लेनी चाहिए।

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