लखनऊ, 5 मई। रामपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक आजम खान के खिलाफ शत्रु संपत्ति को अवैध तरीके से कब्जाने के मामले में जमानत याचिका पर अदालती सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई। अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और अगले हफ्ते तक फैसला आने की उम्मीद की जा रही है।
जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि आजम खान को अगर इसमें जमानत मिल जाती है, तो वह सीतापुर जेल से रिहा हो जाएंगे, जहां वह दो वर्षों से भी ज्यादा समय से बंद हैं।
विभिन्न आरोपों में 72 मुकदमे दर्ज, सिर्फ एक में अब तक नहीं मिली जमानत
मो. आजम खान खिलाफ विभिन्न आरोपों में 72 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 71 मुकदमों में उन्हें अदालतों से जमानत मिल चुकी हैं। लेकिन एक मुकदमा शत्रु संपत्ति का है, जिसमें जमानत के लिए आजम की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने का आरोप
तीन वर्ष पहले 2019 में रामपुर जनपद के अजीमनगर थाने में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दायर की है। इस मुकदमे में आरोप है कि आजम ने शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से कब्जे में लेकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। इस मामले में इससे पहले चार दिसंबर, 2021 को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने जजमेंट को सुरक्षित रख लिया था। वहीं, इस मामले में राज्य सरकार ने अर्जी देकर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी।