अहमदाबाद, 26 मई। गुजरात के राजकोट में शनिवार की शाह एक गेमिंग जोन में लगी भीषण आग से मृतकों की संख्या बढ़कर 33 तक जा पहुंची है। इसमें नौ बच्चे शामिल हैं। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा। इसके लिए 25 डीएनए सैंपल को एयर एंबुलेंस से गांधीनगर लाया गया है। रिपोर्ट मैच करने के बाद परिजनों को डेडबॉडी दी जाएंगीं।
शवों की पहचान के लिए 25 डीएनए सैंपल को एयर एंबुलेंस से गांधीनगर लाया गया
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को दिन में गृह मंत्री हर्ष सांघवी सहित अन्य मंत्रियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद सीएम पटेल सिविल अस्पताल गए, जहां उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। सीएम ने जिले के शीर्ष अधिकारियों से चर्चा कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त काररवाई करने का निर्देश भी दिया।
उल्लेखनीय है कि राजकोट के नाना मोवा रोड पर टीआरपी गेम जोन में शनिवार शाम को आग लग गई थी। पुलिस ने इस घटना में अब तक गेम जोन के मालिक और मैनेजर समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है। गेम जोन का संचालन युवराज सिंह सोलंकी के पास था। उसके साथ नितिन जैन और यज्ञेश पाठक इसमें शामिल थे।
गेम जोन के पास नही थी NOC
राजकोट नगर निगम की स्टैडिंग कमेटी के चेयरमैन जतिन ठक्कर ने बताया कि टीआरपी गेम जोन फायर बिना एनओसी के चल रहा था और इसे निगम के मनोरंजन विभाग से भी कोई मंजूरी नहीं मिली थी।
राजकोट अग्निकांड में जान गंवाने वाले लोगों की सूची अब तक जारी नहीं की गई है, शवों की पहचान के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। निगम के खुलासे के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरी किसके कहने पर इस टीआरपी गेम जोन का संचालन हो रहा था। सवाल यह भी उठ रहा है कि गेम जोन डेढ़ साल से चल रहा था, इसकी बड़े पैमाने पर ब्रांडिंग की गई थी तो फिर निगम को क्यों इसका पता नहीं चला।