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चक्रवाती तूफान ‘यास’ का खतरा : उच्चस्तरीय बैठक में पीएम मोदी ने की तैयारियों की समीक्षा

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नई दिल्ली, 23 मई। भीषण चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के बाद अब पूर्वी भारत के तटीय इलाकों में बंगाल की खाड़ी से उभर रहे दूसरे चक्रवाती तूफान ‘यास’ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने इसके भी बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका जताई है, जो आगामी 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ)  सहित 14 विभागों के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और तूफान से निबटने की तैयारियों की समीक्षा की।

इस उच्चस्तरीय बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और पुड्डुचेरी के प्रमुख सचिव सहित अन्य आला अधिकारी शामिल हुए। बैठक में रेलवे बोर्ड चेयरमैन, एनडीएमए मेंबर सेक्रेटरी, आईडीएफ प्रमुख के साथ गृह, पावर, शिपिंग, टेलिकॉम, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सिविल एविएशन और फिशरीज मंत्रालय के सचिव, कोस्ट गार्ड, एनडीआरएफ और आईएमडी के महानिदेशक भी मौजूद रहे।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चक्रवात यास के उत्तर,  उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। यह सोमवार, 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटे में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। यह 26 मई को पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।

तूफान को लेकर पहले से ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा असर बंगाल और ओडिशा पर पड़ेगा। अंडमान व निकोबार और पूर्वी तट के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। इससे बाढ़ का खतरा भी बन सकता है।

तूफान से निबटने की तैयारियों के क्रम में कोस्ट गार्ड, डिजास्टर रिलिफ टीम (डीआरटी),  इन्फ्लेटेबल बोट, लाइफबॉय और लाइफजैकेट के  अलावा डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस को अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही पोर्ट अथॉरिटी, ऑयल रिग ऑपरेटर्स, शिपिंग- फिशरीस अथॉरिटी और मछुआरे संघों को सतर्क रहने की हिदायत दे दी गई है।