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डी गुकेश ने रचा इतिहास, गत विजेता डिंग लिरेन को हरा सबसे कम उम्र विश्व क्लासिकल शतरंज चैम्पियन बने

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सिंगापुर, 12 दिसम्बर। भारत के 18 वर्षीय चुनौतीकर्ता गुकेश डोमाराजू ने गुरुवार को यहां विश्व शतरंज इतिहास में नए अध्याय का सृजन किया, जब उन्होंने FIDE विश्व शतरंज चैम्पियनशिप की 14वीं व आखिरी बाजी में मैराथन संघर्ष के पश्चात गत चैम्पियन चीनी ग्रैंड मास्टर डिंग लिरेन को मात दे दी और 7.5-6.5 का स्कोर अर्जित करने के साथ ही सबसे कम उम्र विश्व क्लासिकल शतरंज चैम्पियन बन बैठे।

विशी आनंद के बाद विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बने

चेन्नई में जन्मे गुकेश दुनिया के 18वें विश्व चैम्पियन और विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीर हैं। विशी आनंद 2000-2002 और 2007-2013 तक भारत के पहले विश्व चैम्पियन रहे थे। डी गुकेश ने इस ऐतिहासिक खिताबी जीत पर 25 लाख डॉलर (लगभग 22 करोड़ रुपए) की राशि अपने नाम की।

पीएम मोदी ने गुकेश को दी बधाई, बोले – ऐतिहासिक एवं अनुकरणीय

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुकेश को इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए बधाई दी है और उनकी जीत को ऐतिहासिक और अनुकरणीय बताया है।

पीएम मोदी ने X पर लिखा –  ‘ऐतिहासिक एवं अनुकरणीय, गुकेश डी को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कराया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।’

आनंद बोले – यह भारत के लिए गर्व का क्षण है

विश्वनाथन आनंद ने भी गुकेश को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी। विशी ने लिखा – ‘बधाई हो! यह शतरंज के लिए गर्व का क्षण है, भारत के लिए गर्व का क्षण है, WACA के लिए गर्व का क्षण है। और मेरे लिए यह गर्व का बहुत ही व्यक्तिगत क्षण है। डिंग ने बहुत ही रोमांचक मैच खेला और दिखाया कि वह चैम्पियन है।’

5 घंटे तक खिंची बाजी में लिरेन सफेद मोहरों का फायदा नहीं उठा सके

अंतिम बाजी शुरू हुई तो स्कोर 6.5-6.5 बराबर था। उपाधि पर नाम लिखाने के लिए दोनों खिलाड़ियों को एक-एक की दरकार थी और फैसला न होने की स्थिति में चैम्पियन के निर्णय के लिए टाईब्रेकर लागू होना था।

लेकिन 32 वर्षीय लिरेन सफेद मोहरों का फायदा भी नहीं उठा सके। उनकी मनोदशा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि 11वीं चाल चलने में उन्होंने 18 मिनट 30 सेकेंड का समय खर्च किया। हालांकि एक बारगी लगा कि बाजी टाईब्रेकर में खिंचेगी। लेकिन पांच घंटे की कश्मकश की 55वीं चाल में दौरान डिंग ने एक भयानक गलती कर दी और 58वीं चाल के बाद उन्हें गेम, मैच और ताज गंवाना पड़ा।

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