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चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ से आंध्र प्रदेश व ओडिशा में तबाही, पेड़ गिरने से महिला की मौत, कई ट्रेनें और उड़ानें रद

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विजयवाड़ा/भुवनेश्वर, 29 अक्टूबर। बंगाल की खाड़ी में उभरा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ मंगलवार की रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम व कलिंगपट्टनम के बीच पहुंचा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज पूर्वाह्न बताया कि यह काकीनाडा के दक्षिण में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश और यानान तटों को पार कर गया। इस तूफान ने आंध्र प्रदेश के साथ ओडिशा के दक्षिण हिस्सों में कहर बरपाया। ओडिशा के 15 जिलों में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

तूफान के असर से तेज हवाओं के झोंके में आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में तूफान के कारण ताड़ का पेड़ उखड़कर एक महिला के ऊपर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। अन्य कई क्षेत्रों में भी पेड़ गिरे तो बिजली सप्लाई भी ठप हो गए।

आंध्र प्रदेश में 38000 हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट

चक्रवात के प्रभाव से आंध्र प्रदेश में 38000 हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गईं और 1.38 लाख हेक्टेयर बागान को भी भारी नुकसान पहुंचा। लगभग 76000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया जबकि सरकार ने विभिन्न जगहों पर 219 चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की। चक्रवात को ध्यान में रखते हुए 865 टन पशु चारे का भी इंतजाम किया गया है।

विशाखापत्तनम व विजयवाड़ा से कई उड़ानें रद

एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे ने मंगलवार को पूर्वी तटीय रेलवे क्षेत्र के वाल्टेयर डिवीजन में कई ट्रेन को या तो रद कर दिया या फिर उनके टाइम में बदलाव किया। उन्होंने बताया कि इसी तरह दक्षिण मध्य रेलवे क्षेत्र ने सोमवार और मंगलवार को कुल 120 ट्रेन रद कीं। भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मंगलवार को विशाखापत्तनम एयरपोर्ट से संचालित होने वाली सभी 32 उड़ानें रद कर दी गईं। इसी तरह, विजयवाड़ा हवाई अड्डे से 16 उड़ानें रद कर दी गईं जबकि पांच उड़ानों का सफल संचालन किया गया।

आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और यनम में ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने इसी अवधि के दौरान अलग-अलग जगहों पर 20 सेंटीमीटर से ज्यादा भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है।

ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश

अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा में ‘मोंथा’ के कारण तटीय और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन की घटनाएं घटीं, मकानों को नुकसान पहुंचा तथा पेड़ उखड़ गए। दक्षिणी ओडिशा के आठ जिलों-मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर से नुकसान हुआ है। हालांकि, क्षेत्र के कुल 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। गजपति जिले के अनाका ग्राम पंचायत से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पास की पहाड़ियों से बड़े-बड़े पत्थर गिरे, जिससे पांच गांवों की सड़कें बंद हो गईं।

स्थानीय पंचायत पदाधिकारी गजपति के काशीनगर ब्लॉक की परतोदा पंचायत में लिंगा-बारभा मार्ग पर भी भूस्खलन की सूचना मिली है। रायगढ़ जिले के गुनुपुर, गुदारी और रामनागुड़ा इलाकों में भी पेड़ उखड़ गए। एसआरसी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘चक्रवात के राज्य से गुजरने के बाद विभिन्न जिलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट संकलित की जाएगी।’

ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी ने समीक्षा बैठक की

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस आपदा के संभावित प्रभाव के लिए राज्य की तैयारियों की समीक्षा की। चक्रवाती तूफान ने ओडिशा के तटीय और दक्षिणी क्षेत्रों के 15 जिलों में पहले ही सामान्य जनजीवन प्रभावित कर दिया है। सीएम माझी ने बताया कि प्रभावित लोगों को आश्रय देने के लिए 2,000 से ज्यादा चक्रवात आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं और सरकार ने जानमाल का कोई भी नुकसान नहीं होने देने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ की 153 बचाव टीमें (6,000 से ज्यादा कर्मी) आठ दक्षिणी जिलों में संवेदनशील स्थानों पर तैनात हैं और स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में जुटी हैं।

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