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टाटा पावर के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर हमला, कम्पनी ने की पुष्टि

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बेंगलुरु, 14 अक्टूबर। भारत की टाटा पावर कम्पनी ने शुक्रवार देर रात अपने आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक साइबर हमले की सूचना दी, जिससे कम्पनी का सूचना प्रौद्योगिकी सिस्टम प्रभावित हुआ है। कम्पनी ने कहा कि उसने सिस्टम को पुनः प्राप्त करने और पुनर्स्थापित करने के लिए कदम उठाए हैं, यह कहते हुए कि सभी महत्वपूर्ण परिचालन प्रणालियां काम कर रही हैं।

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस के साइबर विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टाटा पावर और अन्य बिजली कम्पनियों को खतरे के बारे में एक खुफिया सूचना मिली थी। अधिकारी ने कहा कि सभी संबंधित कम्पनियों को अलर्ट कर दिया गया है और फायरवॉल का ऑडिट और जांच चल रही है। हालांकि एहतियात के तौर पर कर्मचारी और ग्राहक से जुड़े पोर्टल और ‘टच प्वॉइंट’ के लिए सतर्कता बरती जा रही है।

टाटा पावर ने स्टॉक एक्सचेंज को फाइलिंग में बताया कि कम्पनी ने उसने अपने सिस्टम्स को रिट्रीव और रिस्टोर करने के लिए कदम उठाए हैं। सभी क्रिटिकल ऑपरेशनल सिस्टम्स काम कर रहे हैं। कुछ एहतियाती कदम उठाए गए हैं। कम्पनी ने कहा कि इस बारे में आगे अपडेट देगी। शुक्रवार को कम्पनी का शेयर बीएसई (बीएसई) पर 215.90 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सत्र के मुकाबले यह लगभग फ्लैट रहा। कम्पनी का मार्केट कैप 68,987.38 करोड़ रुपये है।

देश की सबसे बड़ी इंटिग्रेटेड पावर कम्पनी

टाटा पावर देश की सबसे बड़ी इंटिग्रेटेड पावर कम्पनी है। कम्पनी की कुल जेनरेशन क्षमता 13,735 मेगावाट है, जिसमें से 35 फीसदी क्लीन एनर्जी है। टाटा पावर ने अपना पहला हाइड्रो इलेक्ट्रिक जेनरेटिंग स्टेशन 1915 में शुरू किया था। इसकी कैपेसिटी 60 मेगावाट थी। कम्पनी ने 1922 में अपना दूसरा और 1927 में तीसरा हाइड्रो पावर स्टेशन खोला। 1956 में कम्पनी ने ट्रॉम्बे में 62.5 मेगावाट कैपेसिटी का थर्मल पावर स्टेशन शुरू किया।

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