प्रयागराज, 19 अप्रैल। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के तीनों आरोपितों की चार दिनों की कस्टडी रिमांड मंजूर हो गई है। पुलिस ने तीनों हत्यारोपितों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुधवार को पूर्वाह्न सीजेएम कोर्ट में पेश किया। एसआईटी ने हमलावरों की सात दिनों की रिमांड मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने चार दिनों की रिमांड मंजूर की।
हमलावरों को घटनास्थल पर ले जाकर सीन रिक्रिएट भी कराया जा सकता है
ज्ञातव्य है कि अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए अलग-अलग स्तर से दो एसआईटी का गठन हुआ है। माना जा रहा है एसआईटी इस हत्याकांड के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए हमलावरों को घटनास्थल पर ले जाकर सीन रिक्रिएट भी करा सकती है। आज शाम को ही यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसके अलावा हमलावरों से इस घटना के बारे में गहनता से पूछताछ की जानी है। फिलहाल उन्हें कोर्ट परिसर से प्रयागराज पुलिस लाइन ले जाकर पूछताछ की जा रही है।
सनी, लवलेश व अरुण ने 15 अप्रैल को अतीक-अरशद की हत्या की थी
गौरतलब है कि गत 15 अप्रैल की रात सनी सिंह, लवलेश और अरुण मौर्य नाम के इन तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उस वक्त हत्या कर दी थी, जब उन्हें पुलिस हिरासत में मेडिकल के लिए कॉल्विन हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था। अतीक और अशरफ को पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए चार दिनों की कस्टडी रिमांड पर लिया था, लेकिन रिमांड अवधि पूरी होने के पहले ही दोनों की मीडिया के कैमरों के सामने हत्या हो गई।
तीनों हत्यारोपितों की सख्त पहरे में हुई पेशी
सीएम योगी ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए सख्त एक्शन के आदेश दिए हैं। पिछली घटना से सबक लेते हुए आज तीनों हमलावरों की पेशी के दौरान पुलिस काफी सख्त नजर आई। तीनों हमलावरों के पास किसी को भी आने नहीं दिया गया। प्रतापगढ़ जेल से लेकर प्रयागराज तक इनकी सिक्योरिटी का भरपूर इंतजाम किया गया था।
माना जा रहा है कि अगले चार दिनों तक एसआईटी तीनों हमलावरों से अलग-अलग और एक साथ पूछताछ कर माफिया ब्रदर्स की हत्या का पूरा सच सामने लाने का प्रयास करेगी। पता लगाया जाएगा कि हत्यारोपितों को महंगे और अत्याधुनिक असलहे कहां से मिले।
हमलावरों ने हत्याकांड के बाद अपने बयान में बड़ा माफिया बनने की चाहत में इस कांड को अंजाम देने की बात कही थी। वह बात कितनी सही है, एसआईटी इसका भी पता लगाएगी। एसआईटी के लिए सबसे अहम यह जानना होगा कि क्या इस घटनाक्रम के पीछे किसी गिरोह या किसी दूसरे मास्टरमाइंड की भी भूमिका तो नहीं है।