वाराणसी, 2 सितम्बर। धर्म नगरी काशी में रो-रो बोट (रोल-आन-रोल-आफ पैसेंजर शिप) सैम मानिक शाह क्रूज आगामी पांच सितम्बर से गंगा की लहरों पर पर्यटकों को काशी से चुनार किले (मिर्जापुर) तक का शाही सफर कराने के लिए तैयार है। लगभग आठ घंटे की इस सैर में क्रूज पर्यटकों को चुनार का किला भी दिखाएगा और शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन भी कराएगा। पर्यटक लाइव म्यूजिक और बनारसी खान-पान के साथ सफर का पूरा आनंद ले सकते हैं।
8 घंटे की सैर में शूलटंकेश्वर मंदिर का दर्शन भी शामिल
अलकनंदा क्रूजलाइन के निदेशक विकास मालवीय ने बताया कि रविवार को क्रूज वाराणसी के रविदास घाट से पूर्वाह्न नौ बजे चलेगा और करीब डेढ़ घंटे में प्राचीन शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर पहुंच जाएगा, जहां पर्यटक प्राचीन और धार्मिक मान्यता वाले गंगा किनारे स्थापित शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करेंगे। वहां से चुनार पहुंचकर पर्यटक ऐतिहासिक किले का भ्रमण करेंगे। क्रूज पर्यटकों को लगभग 140 किलोमीटर की गंगा यात्रा कराने के बाद शाम छह बजे तक काशी लौट आएगा।
बनारसी खान-पान का इंतजाम, प्रति व्यक्ति किराया 3 हजार रुपये
मालवीय ने बताया कि क्रूज में मनोरंजन और बनारसी खान-पान का पूरा इंतजाम अलकनंदा की ओर से रहेगा। सुबह नाश्ते से लेकर, दोपहर का खाना और शाम का नास्ता भी रहेगा। उन्होंने बताया कि सभी अत्याधुनिक सुविधाओं समेत यह यात्रा प्रति व्यक्ति तीन हजार रुपये में होगी। इसी क्रम में 10 लोगों का टिकट एक साथ लेते हैं तो दो लोगों का किराया कम हो सकता है। पर्याटकों के साथ अनुभवी टूरिस्ट गाइड की टीम भी होगी, जो इस यात्रा के धार्मिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं की जानकारी भी देंगे।
क्रूज में मांगलिक कार्यक्रमों के साथ सत्संग व बिजनेस मीटिंग भी हो सकेगी
विकास मालवीय ने बताया कि 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले इस क्रूज में दो फ्लोर हैं। पूरी तरह वातानुकूलित क्रूज में करीब 250 लोग बैठ सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह क्रूज अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और सुरक्षा के सभी उपकरणों से लैस है।
उन्होंने बताया कि अभी क्रूज हर रविवार को उपलब्ध होगा। पर्यटकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए इसका फेरा बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया की क्रूज में शादी या दूसरे मांगलिक कार्यक्रमों के साथ सत्संग आदि भी किए जा सकते हैं। बिजनेस मीटिंग और कॉन्फ्रेंस की भी सुविधा क्रूज में है।