चंडीगढ़, 20 सितम्बर। हरियाणा चुनाव की गहमागहमी के बीच भाजपा के दिग्गज नेता, मौजूदा केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के परिवार में दरार उभर कर सामने आई, जब उनके भतीजे रमित खट्टर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
रोहतक के विधायक भारत भूषण बत्रा की मौजूदगी में रमित ने कांग्रेस का हाथ थामा। रमित के दलबदल को भाजपा के लिए एक बड़े झटके की तरह देखा जा रहा है। खासकर हरियाणा के प्रमुख नेता के साथ उनके पारिवारिक संबंधों को देखते हुए। इस घटनाक्रम का राज्य के राजनीति पर असर पड़ सकता है।
रमित खट्टर मनोहर लाल खट्टर के भाई जगदीश खट्टर के बेटे हैं। वर्ष 2020 में रमित उन दो चश्मदीद गवाहों में से एक थे, जब सात दिसम्बर को एक वन अधिकारी वीएस गिल ने मुख्य वन संरक्षक (उत्तर), जी रमन के साथ अंबाला कार्यालय में कथित तौर पर मारपीट की थी। नौ दिसंबर, 2020 को बलदेव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में रमित खट्टर और उनके दोस्त और बराड़ा के BJP कार्यकर्ता रजत मलिक का नाम शामिल था।
मुख्य वन संरक्षक (उत्तर) जी रमन की शिकायत पर दर्ज की गई FIR में लिखा गया, “यह आपके संज्ञान में लाया गया है को सात दिसम्बर को, वीरेंद्र गिल, प्रभागीय वन अधिकारी, कुरुक्षेत्र ने अधोहस्ताक्षरी के साथ दुर्व्यवहार और हाथापाई की थी और वन परिसर, कम्पनी बाग, अम्बाला शहर में मेरे ऑफिस रूम में दिल्ली के रहने वाले जगदीश के पुत्र रमित और बराड़ा, अंबाला निवासी राजेंद्र के पुत्र रजत की मौजूदगी में जान से मारने की धमकी दी थी।’ उस वक्त जब रमित से पूछा गया कि क्या वह हरियाणा के मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं, तो उन्होंने हां में जवाब दिया।