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CPI (M) महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली, 12 सितम्बर। दिग्गज वामपंथी नेता और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को अपराह्न यहां निधन हो गया। 72 वर्षीय येचुरी ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अंतिम सांस ली।

सीने में संक्रमण से पीड़ित येचुरी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे

निमोनिया की तरह सीने के संक्रमण से पीड़ित सीताराम येचुरी गत 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराए जाने के बाद से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। पिछले दिनों उनकी सेहत में मामूली सुधार दिखा था, लेकिन फिर सांस लेने में परेशानी हुई तो स्थिति गंभीर हो गई। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। येचुरी के शोक संतप्त परिवार में पत्नी सीमा चिश्ती येचुरी और बच्चे – अखिला और आशीष येचुरी हैं।

करीब 5 दशकों के राजनीतिक करिअर में वामपंथ की धुरी रहे

सीताराम येचुरी ने छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू की थी और वह जेएनयू छात्रसंघ का हिस्सा रहे थे। आपातकाल के दौर में जेल जाने से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। करीब पांच दशकों के अपने राजनीतिक करिअर में वह वामपंथ की धुरी रहे। उन्हें वामपंथी दलों को गठबंधन की राजनीति में लाने का भी श्रेय दिया जाता है। यूपीए वन और यूपीए टू के दौर में उन्होंने ही वामपंथी दलों को सरकार का हिस्सा बनने के लिए राजी किया था।

2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे

येचुरी को अप्रैल, 2015 में सीपीएम के महासचिव के तौर पर जिम्मेदारी मिली थी। इसके अलावा 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे। सेकुलरिज्म, आर्थिक समानता जैसे मूल्यों के लिए आजीवन प्रतिबद्ध रहे।

तेलुगु ब्राह्मण परिवार में जन्में येचुरी की शुरुआती शिक्षा हैदराबाद में हुई

मद्रास (अब चेन्नई) में 12 अगस्त, 1952 को मद्रास में पैदा हुए सीताराम येचुरी एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता आंध्र प्रदेश रोडवेज में इंजीनियर के पद पर थे और मां भी एक सरकारी अधिकारी थीं। वह हैदराबाद में बड़े हुए और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की।

डीयू एवं जेएनयू से हासिल की उच्च शिक्षा

इसके बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया और उच्च शिक्षा डीयू एवं जेएनयू से हासिल की। दिल्ली विश्वविद्यालय से येचुरी ने अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स की डिग्री ली और फिर जेएनयू से अर्थशास्त्र में ही एमए किया। वह अर्थशास्त्र के विषय में ही पीएचडी भी करना चाहते थे, लेकिन फिर इमरजेंसी के दौरान वह आंदोलन का हिस्सा बन गए।

इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ राजनीतिक करिअऱ

इमरजेंसी के दौरान येचुरी की गिरफ्तारी हुई और जेल जाना पड़ा। यहां से उनका पढ़ाई से नाता टूट गया और वह पूरी तरह से राजनीति में ही सक्रिय हो गए। येचुरी के कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों से अच्छे रिश्ते थे। समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की वह हमेशा कोशिश करते रहे।

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