नई दिल्ली, 19 मार्च। दिल्ली की एक अदालत ने कथित चीनी वीजा घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मंगलवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य को समन जारी कर पांच अप्रैल को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपितों को तलब किया।
न्यायाधीश ने कार्ति चिदंबरम, उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन को और कुछ कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित छह अन्य को पांच अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। आरोपियों में पदम दुगार, विकास मखारिया, मंसूर सिद्दीकी, दुगार हाउसिंग लिमिटेड, एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और तलवंडी साबो पावर लिमिटेड भी शामिल हैं।
ईडी ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में आरोपियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है। कथित घोटाले के समय कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।
जांच एजेंसी ने कहा कि मामले में काले धन से सफेद में तब्दील धन की वास्तविक मात्रा अभी तक साबित नहीं हो पाई है और सीबीआई के मामले में उल्लिखित 50 लाख रुपये की रिश्वत के कथित भुगतान को वर्तमान मामले का आधार नहीं माना जा सकता। ईडी ने इसी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपनी तरफ से मामला दर्ज किया था।