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महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न केस : कोर्ट ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ तय किए आरोप

महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न केस : कोर्ट ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ तय किए आरोप

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नई दिल्ली, 10 मई। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप शुक्रवार को तय कर दिए। बृजभूषण शरण सिंह पर छह महिला पहलवानों की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों के आरोपों की जांच की थी, जिसके बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के आधार पर आरोप तय करने को लेकर कोर्ट ने गत 26 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसके बाद सात मई को आरोप तय करने को लेकर फैसला सुनाया जाना था, लेकिन अंतिम संपादन बाकी रहने के कारण इसमें और विलंब हुआ।

आईपीसी की धारा 354, 354 ए के तहत आरोप तय

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने अपने फैसले में कहा, ‘कोर्ट को बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत और रिकॉर्ड मिला है। ऐसे में भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354 ए के तहत कोर्ट उन पर आरोप सिद्ध करती है।’

इसके अलावा कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘इस कोर्ट को बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री भी मिली है। बृज भूषण सिंह को आईपीसी की धारा 506 भाग 1 के तहत अपराध के लिए पीड़ित संख्या एक और पांच ने जो लगाए हैं, वह तय होता है।’

विनोद तोमर पर भी आरोप तय

बृजभूषण शरण सिंह के अलावा विनोद तोमर पर भी कोर्ट ने फैसला सुनाया। पीड़ित नंबर एक के संबंध में धारा 506 भाग 1 के तहत विनोद तोमर पर आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि शेष अपराधों के लिए उसे बरी कर दिया गया है।

बृजभूषण की याचिका कोर्ट ने की थी खारिज

उल्लेखनीय है कि बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों को लेकर गत 26 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी याचिका खारीज कर दी थी। बृजभूषण सिंह ने अपनी अर्जी में कोर्ट से मांग की थी कि जिस दिन (7 सितम्बर) उनके ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जा रहा है, उस दिन में वह दिल्ली में थे ही नहीं। इस दलील के साथ उन्होंने नए सिरे से जांच की मांग की थी। हालांकि, दोनों पक्षों की तरफ से दी गई दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने बृजभूषण सिंह की अर्जी खारिज कर दी थी।

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