नई दिल्ली, 27 जून। कोरोना महामारी से बचाव के क्रम में तीव्र गति से चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के बीच केंद्र सरकार ने अचानक यू-टर्न ले लिया है और सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को दाखिल एक हलफनामे में कहा है कि दिसंबर तक भिन्न कम्पनियों की वैक्सीन की 135 करोड़ डोज ही मिल सकेंगी। हालंकि मई में वैक्सीन की जबर्दस्त किल्लत के दौरान सरकार ने दावा किया था कि 31 दिसंबर तक देश को 216 करोड़ से ज्यादा डोज मिल जाएंगी।
अब 5 कम्पनियों की वैक्सीन ही उपलब्ध कराई जाएगी
ज्ञातव्य है कि गत 13 मई को केंद्र सरकार ने बताया था कि उसे अगस्त से दिसंबर के बीच आठ कम्पनियों की वैक्सीन की 216 करोड़ से ज्यादा डोज मिलने की उम्मीद है, जिससे देश की पूरी आबादी को इस साल के आखिरी तक वैक्सिनेट किया जा सकेगा। लेकिन अब सरकार ने कहा है कि अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ डोज ही मिलने की संभावना है। इस प्रकार एक माह के भीतर ही केंद्र ने इस वर्ष तक मिलने वाली वैक्सीन डोज में 81 करोड़ की कमी कर दी है। यही नहीं वरन सरकार ने अब आठ की बजाय पांच कम्पनियों की ही वैक्सीन देने की बात कही है।
केंद्र सरकार ने मई में जो घोषणा की थी, उसके हिसाब से दिसंबर तक कोविशील्ड 75 करोड़, कोवैक्सीन 55 करोड़, बायोलॉजिकल ई 30 करोड़, जायडस कैडिला 5 करोड़, नोवावैक्स 20 करोड़, भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन 10 करोड़, जिनोवा बायोफार्मा 6 करोड़ और स्पुतनिक वी की 15.6 करोड़ डोज उपलब्ध करायी जानी थीं।
लेकिन शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि दिसंबर तक 135 करोड़ डोज ही देश को मिल पाएंगी। इनमें कोविशील्ड की 50 करोड़, कोवैक्सीन की 40 करोड़, बायोलॉजिकल ई की 30 करोड़, जायडस कैडिला की 5 करोड़ व स्पुतनिक वी की 10 करोड़ डोज शामिल हैं।
जुलाई के बाद सिर्फ 135 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी
हालांकि केंद्र ने यह भी कहा है कि वह 31 दिसंबर 2021 तक कुल वैक्सिनेशन करने की कोशिश कर रही है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, ‘देश में 18 वर्ष से ऊपर की आबादी तकरीबन 93 से 94 करोड़ है। ऐसे में इस आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के लिए 186 से 188 करोड़ डोज की जरूरत होगी। इनमें से 51.6 करोड़ डोज 31 जुलाई 2021 तक राज्यों को दे दी जाएंगी। उसके बाद पूरी आबादी को वैक्सिनेट करने के लिए 135 करोड़ डोज की ही जरूरत होगी।’