वॉशिंगटन, 19 दिसम्बर। कोरोना महामारी का खतरा एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। इस क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के JN.1 स्ट्रेन को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया है। लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है।
फिलहाल इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं
उल्लेखनीय है कि JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के एक भाग के रूप में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया था। वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत करने के बाद अब वैज्ञानिक इसकी निगरानी करेंगे। वे देखेंगे कि यह कितना तेजी से फैलता है? कितना बीमार बनाता है और क्या इस पर वैक्सीन असर करती है या नहीं? WHO ने कहा कि वर्तमान में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर JN.1 की ओर से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को अभी कम माना गया है।
सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस साझाकरण जारी रखने का आग्रह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार WHO ने कहा कि मौजूदा टीके JN.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य वैरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करने में सक्षम हैं। वायरस तेजी से बदल रहा है और विकसित हो रहा है। इसलिए WHO ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस साझाकरण जारी रखने का आग्रह किया था। अब तक अमेरिका, चीन, सिंगापुर, भारत और कुछ यूरोपीय देशों में JN.1 के मामले देखे गए हैं।
भारत में कोरोना के लगभग 2 हजार एक्टिव केस, इनमें 90 फीसदी केरल में
गौरतलब है कि कोरोना के JN.1 वैरिएंट के मामले भारत में भई मिले हैं। इसने एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। केरल में इसके मामले देखे गए हैं, जिसके बाद राज्य सरकार अलर्ट पर है। केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। रिव्यू मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया है। देश में इस समय कोरोना के 1,970 एक्टिव मामले हैं, जिनमें से लगभग 90 फीसदी यानी 1,749 केरल में देखने को मिले हैं। सोमवार को 142 नए मामले सामने आए, जिसमें से 115 केरल से थे।
सितम्बर से अब तक 11 देशों में फैल चुका है नया वैरिएंट
भारत समेत एशिया के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। चीन, सिंगापुर, इंडोनेशिया, फिलीपींस और मलेशिय में कोविड के मामले बढ़े हैं। क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों से पहले ये मामले बढ़े हैं, जो चिंता बढ़ाने वाले हैं। केरल में मामले आने के बाद पड़ोसी राज्यों – तमिलनाडु और कर्नाटक की चिंता बढ़ गई है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लक्षण बेहद सामान्य हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। सितम्बर में पहली बार अमेरिका में इसके मामले दिखे थे। तब से यह 11 देशों में फैल चुका है।