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कोरोना संकट : डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वैरिएंट के नामकरण का सिस्टम बदला, भारत ने जताई थी आपत्ति

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नई दिल्ली, 1 जून। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भारत की आपत्ति के बाद कोविड-19 के वैरिएंट के नामकरण के लिए एक नए सिस्टम की घोषणा कर दी है। इसके तहत अब डब्लूएचओ अब भारत, ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों में पाए जाने वाले संक्रमण के वैरिएंट का नाम रखने के लिए ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल करेगा।

भारत में पाए गए वैरिएंट को अब कप्पा और डेल्टा नाम

डब्ल्यूएचओ के नए सिस्टम के तहत पहली बार भारत में पाए गए बी.1.617.1 को कप्पा और बी.1.617.2 को डेल्टा कहा जाएगा। ब्रिटेन में पाए गए वैरिएंट को अल्फा और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए वैरिएंट को बीटा नाम दिया गया है।

डब्लूएचओ की वेबसाइट पर वैरिएंट के नामों की लिस्ट जारी

इस बीच डब्लूएचओ ने दुनियाभर में अब तक पाए गए कोरोना के सभी वैरिएंट के नामों की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर जारी की है। उसके अनुसार यह फैसला इसलिए किया गया कि बातचीत को आसान बनाया जाए और यह भी सुनिश्चित हो सके कि किसी देश के साथ वैरिएंट का नाम न जुड़े।

गौरतलब है कि बीते माह की शुरुआत में भारत सरकार ने बी.1.617.2 को भारतीय वैरिएंट कहे जाने की आलोचना की थी। हालांकि डब्लूएचओ ने पहले भी आधिकारिक तौर पर किसी वैरिएंट के नाम को किसी देश के साथ नहीं जोड़ा था।

डब्लूएचओ की कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन कर्खोव ने ट्‌वीट किया कि किसी भी देश को वैरिएंट खोजने और उसकी जानकारी देने के लिए बदनाम नहीं करना चाहिए। उन्होंने वैरिएंट की खोज के लिए ‘बेहतर निगरानी’ और वैज्ञानिक आंकड़े शेयर करने पर जोर दिया।

वैरिएंट की संख्या बढ़ी तो फिर बदलेगा सिस्टम

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये ग्रीक नाम पहले से चले आ रहे वैज्ञानिक नामों की जगह नहीं लेंगे। अगर आधिकारिक तौर पर 24 से अधिक वैरिएंट मिल जाते हैं तो ग्रीक अक्षर नए नामों के लिए कम पड़ जाएंगे। इस पर कर्खोव ने कहा कि ऐसी स्थिति में नामकरण सिस्टम फिर बदला जाएगा।

कर्खोव ने एक अमेरिकी वेबसाइट से कहा, ‘हम बी.1.1.7 की जगह कोई दूसरा नाम नहीं ला रहे हैं, सिर्फ आम लोगों के बीच चर्चा को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों के बीच की बातचीत में इन नामों से आसानी होगी।’

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