नई दिल्ली, 15 जून। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोनारोधी वैक्सीन से भारत में पहली मौत की पुष्टि हुई है। देश में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का अध्ययन कर रहे सरकारी पैनल एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (एईएफआई) ने अपनी जांच के आधार पर यह जानकारी दी है। जांच में पाया गया कि 68 वर्षीय शख्स की एक प्रकार के एलर्जिक रिएक्शन से मौत हुई थी।
टीका लगने के 30 मिनट बाद तक वैक्सिनेशन केंद्र पर ही रुकने की सलाह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एईएफआई के चेयरमैन डॉ. एन.के. अरोड़ा ने बताया, ‘एक बार फिर से हम यह सलाह देंगे कि टीका लगने के 30 मिनट बाद तक टीकाकरण केंद्र पर ही रुकना है। इसी अवधि में कई बार साइडइफेक्ट्स देखे जाते हैं और उसके बाद तत्काल इलाज मिलने पर उसे नियंत्रित किया जा सकता है।’
एईएफआई की समिति ने वैक्सीन लेने के बाद जिन मामलों की जांच की थी, उनमें से पांच लोगों ने पांच फरवरी को वैक्सीन ली थी। इसके अलावा आठ लोगों ने नौ मार्च को टीका लगवाया था और 18 लोग ऐसे थे, जिन्होंने 31 मार्च को कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी।
अरोड़ा ने कहा, ‘वैक्सीन लेने के बाद एनाफिलाक्सिस के चलते मौत का यह पहला मामला है, जो जांच के बाद दर्ज किया गया है। इससे पहले तीन लोगों की कोरोना टीका लगने के चलते मौत की बात कही गई थी, लेकिन सरकारी पैनल ने सिर्फ एक मामले की ही पुष्टि की है।’
68 वर्षीय शख्स की एलर्जिक रिएक्शन से 8 मार्च को हुई थी मौत
पैनल की जांच में पाया गया कि 68 वर्षीय शख्स की एक प्रकार के एलर्जिक रिएक्शन ‘एनाफिलाक्सिस’ से गत आठ मार्च, 2021 को मौत हुई थी। इसके अलावा दो अन्य मामलों की समिति ने जांच की थी, जो एलर्जी के ही शिकार हुए थे। लेकिन अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद वे रिकवर हो गए थे। इन दोनों लोगों को 16 और 19 जनवरी को वैक्सीन दी गई थी। उन दोनों की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच थी।
समिति ने कुल 31 मामलों पर किया था अध्ययन
सरकारी पैनल ने कुल 31 मामलों पर अध्ययन किया, जिनमें से 28 की मौत हो गई थी। दावा किया जा रहा था कि लोगों की वैक्सीन लेने के बाद ही मौत हुई है। लेकिन समिति ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा है कि इन 28 मौतों में से महज एक मृत्यु वैक्सिनेशन की वजह से हुई है। तीन लोगों को एनाफिलाक्सिस (वैक्सीन प्रॉडक्ट रिलेटिड रिएक्शन) की शिकायत आई थी।
एईएफआई ने कहा – टीके के बहुत फायदे हैं
फिलहाल एईएफआई की समिति ने वैक्सीन के चलते एक मौत की बात भले ही स्वीकार की है, लेकिन उसने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि टीके के फायदे कहीं ज्यादा हैं।