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धर्मांतरण केस : एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा, कानपुर के 8 कट्टरपंथी भी उमर गौतम के संपर्क में

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कानपुर, 30 जून। उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद व कानपुर सहित अन्य जिलों में लगभग दो वर्षों से संचालित धर्मातंरण रैकेट के भंडाफोड़ के बाद यूपी एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि कानपुर के आठ कट्टरपंथी भी मोहम्मद उमर गौतम और उसकी संस्था इस्लामिक दावाह सेंटर (आईडीसी) के संपर्क में हैं।

यूपी एटीएस ने अब तक जो जांच पड़ताल की है, उसमें पता चला है कि इन कट्टरपंथियों में एक-दो मौलवी भी हैं। कानपुर या उसके आसपास होने वाली उमर की सभाओं में ये लोग शिरकत करते थे और भीड़ जुटाते थे। एटीएस ने कानपुर पुलिस को इन कट्टरपंथियों की सूची सौंप दी है। उसे आशंका है कि धर्मांतरण के मामले में कहीं न कहीं इनकी भी भूमिका है। इनके बारे में एक-एक जानकारी जुटाई जा रही है।

अब तक 5 आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी

धर्मांतरण के मामले में यूपी एटीएस अब तक पांच आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है। सबसे पहले आईडीसी के उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था। रिमांड पर लेने के बाद उनसे पूछताछ के आधार पर एटीएस ने उनसे जुड़े लोगों की सूची तैयारी की है, जिनमें कानपुर के भी आठ लोगों का नाम सामने आया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच एजेंसियों ने जिन संदिग्धों को चिह्नित किया है, उनकी धर्मांतरण कराने में अहम भूमिका है। गैर मुस्लिमों को ये लोग धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं। उन्हें बहला फुसलाकर सभाओं में ले जाते हैं और थोड़ा सा भी झुकाव देखकर आईडीसी से जुड़े अन्य लोगों से संपर्क कराते हैं। आशंका है कि काकादेव के आदित्य और रिचा देवी के धर्मांतरण में भी इनकी भूमिका है।

क्राइम ब्रांच ने भी शुरू की जांच

इस बीच क्राइम ब्रांच ने भी अपने स्तर से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। उसने एक-एक कर सभी का सत्यापन कर लिया है। उनसे पूछताछ भी की जा रही है। इन सभी के मोबाइल नंबरों की सीडीआर देखी जा रही है। पता किया जा रहा है कि ये सभी किन-किन लोगों के संपर्क में थे। पिछले एक दो वर्षों में कहां-कहां गए और किनसे मिले।

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