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स्वतंत्रता दिवस समारोह में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बैठने की व्यवस्था पर विवाद, रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई

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नई दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जहां राष्ट्र की अगुआई की वहीं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ओलम्पिक पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ दूसरी आखिरी पंक्ति में बैठे होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गईं।

एक दशक में यह पहली बार था, जब विपक्ष का कोई नेता स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए लाल किले पर मौजूद था। सफेद कुर्ता-पायजामा पहने राहुल गांधी भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह के बगल में बैठे नजर आए। आगे की पंक्तियों में मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलम्पिक पदक विजेता बैठे थे। ओलम्पिक कांस्य जीतने वाली हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश सहित अन्य खिलाड़ी भी राहुल गांधी से आगे बैठे थे।

प्रोटोकॉल के अनुसार लोकसभा में विपक्ष के नेता को, जिनका दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है, हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है। आगे की पंक्ति में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस. जयशंकर बैठे थे।

सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठे थे, जो उन्हें आवंटित की गई थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई विशेष मांग या अनुरोध नहीं किया। गौरतलब है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट भी पांचवीं पंक्ति में थी। हालांकि, खड़गे नहीं आए।

राहुल गांधी को इसलिए पीछे शिफ्ट करना पड़ा

इस बीच रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सांसद को पीछे की ओर शिफ्ट करना पड़ा क्योंकि ओलम्पिक पदक विजेता खिलाड़ियों को आगे की पंक्तियां आवंटित की गई थीं। स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित करने और सीटिंग प्लान बनाने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की है।

सूत्रों ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को आम तौर पर पहली कुछ पंक्तियों में सीट दी जाती है। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान, तत्कालीन विपक्ष की नेता सोनिया गांधी को हमेशा पहली पंक्ति में सीट आवंटित की जाती थी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद 2014 से खाली है क्योंकि किसी भी पार्टी को निचले सदन की ताकत के दसवें हिस्से के बराबर संख्या नहीं मिली है। 2024 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस ने अपनी संख्या बढ़ाकर 99 कर ली क्योंकि एनडीए कम जनादेश के साथ सत्ता में लौटा। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 543 सदस्यीय सदन में क्रमशः 44 और 52 सीटें जीतीं थी और इस प्रकार वह विपक्ष के नेता पद के लिए योग्य नहीं थी।