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कन्हैया कुमार के आगमन से पहले ही कांग्रेस में दंगल, भाजपा ने भी साधा निशाना

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नई दिल्ली, 28 सितम्बर। कम्युनिस्ट नेता कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी की मंगलवार को कांग्रेस में स्वागत की तैयारियों के बीच पार्टी में अंदरूनी दंगल शुरू हो गया है। इस क्रम में एक तरफ मनीष तिवारी ने कुछ सवाल उठाए हैं तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस पर हमलावर हो उठी है।

कन्हैया व जिन्गेश के स्वागत में कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगे बैनर

ज्ञातव्य है कि छात्र राजनीति से उभरे कन्हैया कुमार को लेकर कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कन्हैया कुमार के साथ गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस का दामन थामेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस कार्यालय के बाहर दोनों नेताओं के कांग्रेस में स्वागत से संबंधित पोस्टर व बैनर भी लगाए गए हैं। समझा जाता है कि ये दोनों नेता पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामेंगे।

मनीष तिवारी ने कन्हैया की एंट्री पर खड़े किए सवाल

फिलहाल कांग्रेस के सांसद और वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कन्हैया कुमार की एंट्री पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में आने की अटकलें चल रही हैं। ऐसे में 1973 में छपी ‘कम्युनिस्ट इन कांग्रेस’ पढ़ी जानी चाहिए, चीजें जितनी बदलती हैं, उतनी ही समान लगती हैं।

भाजपा ने पूछा – क्या कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ

दूसरी तरफ भाजपा ने कन्हैया और जिग्नेश के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा। भाजपा आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा कि सर्जिकल स्ट्राइक की एनिवर्सिरी पर कांग्रेस ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ वाले कांग्रेस कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को स्वीकार कर रही है। यह कोई संयोग नहीं है, भारत के टुकड़े करने वालों के साथ हाथ मिलाना कांग्रेस की आदत है।

इसी क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग ने ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ का नारा दिया था, इन्हें कांग्रेस अपनी पार्टी में शामिल कर रही है। राहुल गांधी पहले ही जेएनयू में जाकर इनके साथ खड़े हुए थे और अब वो इस ओर आ रहे हैं।

जेएनयू में कथित नारेबाजी विवाद से चर्चा में आए थे कन्हैया

गौरतलब है कि जेएनयू में कथित नारेबाजी विवाद से चर्चा में आए कन्हैया कुमार लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ एक्टिव रहते हैं। कन्हैया कुमार ने लेफ्ट पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। उन्होंने बिहार चुनाव में भी पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई थी।