बेंगलुरु, 8 फरवरी। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं द्वारा ‘हिजाब’ धारण करने के लेकर विवाद तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को ‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में तेज होते प्रदर्शन के मद्देनजर राज्य में अगले तीन दिनों तक स्कूल और कॉलेजों में अवकाश की घोषणा कर दी है।
I appeal to all the students, teachers and management of schools and colleges as well as people of karnataka to maintain peace and harmony. I have ordered closure of all high schools and colleges for next three days. All concerned are requested to cooperate.
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) February 8, 2022
सीएम बोम्मई की सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील
सीएम बोम्मई ने सभी से शांति की भी अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं सभी छात्रों,
‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन तेज होने के कारण राज्य के उडुपी, शिवमोगा, बागलकोट और अन्य भागों में स्थित शैक्षणिक संस्थानों में तनाव बढ़ने के चलते पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय की भी शांति बनाए रखने की अपील
इस बीच कर्नाटक उच्च न्यायालय ने तटीय शहर उडुपी में एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स में पढ़ने वाली कुछ छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई के बाद छात्रों एवं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
अदालत ने कहा – कुछ शरारती लोग ही इस मुद्दे को जला रहे हैं
न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की एकल पीठ ने कहा कि इस अदालत को जनता की बुद्धिमत्ता और सद्गुण पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि इसे अमल में लाया जाएगा। लोगों को भारतीय संविधान में विश्वास रखने के लिए कहते हुए, न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा कि केवल कुछ शरारती लोग ही इस मुद्दे को जला रहे हैं। जस्टिस दीक्षित ने यह भी कहा कि आंदोलन, नारेबाजी और छात्रों का एक-दूसरे पर हमला करना अच्छा नहीं था। मामले पर बुधवार को अपराह्न 2.30 बजे से फिर सुनवाई होगी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में उठाया मुद्दा
उधर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर खड़े हुए विवाद का विषय मंगलवार को सदन में उठाया और कहा कि सरकार को इस बारे में संसद में बयान देना चाहिए। उन्होंने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया।
चौधरी ने कहा, “हम सदन के अंदर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की बात करते हैं। लेकिन देश में कुछ जगहों पर मजहब के आधार पर घिनौनी काररवाई हो रही है जो ठीक नहीं है। कई हिन्दू तिलक लगाते हैं, कई मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं….कर्नाटक और कुछ अन्य जगहों पर हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को रोका जा रहा है…विभिन्न धर्मों के बीच दरार पैदा हो रही है।”
वहीं कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले भाजपा सांसद शिवकुमार उदासी ने कहा कि इस विषय से जुड़ा मामला अदालत के विचाराधीन है और कांग्रेस नेता को यह मुद्दा सदन में नहीं उठाना चाहिए।