जयपुर, 30 नवंबर। पूरी की पूरी कैबिनेट बदल देने के बावजूद राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी के बीच उभरा अंदरूनी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत गुट में मंत्रिमंडल के बंटवारे के लेकर दिखी खींचतान के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए मंत्री और विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है।
गुढ़ा बोले – जिनके साथ पार्टी में आया था, उनकी भी व्यवस्था करे कांग्रेस
इस क्रम में नाराज सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सरकारी गाड़ी लौटा दी है। उन्होंने अब तक पदभार भी ग्रहण नहीं किया है। गुढ़ा का कहना है कि वह छह लोगों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। ऐसे में अकेले मंत्री नहीं बनेंगे। अन्य पांच लोगों की भी व्यवस्था कांग्रेस करे।
गुढ़ा ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि पिछली बार बसपा से उनके साथ आए विधायक रमेश मीणा कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। अब मीणा के नीचे उन्हें काम करने के लिए कहा जा रहा है, जो ठीक नहीं है। मीणा को सीएम अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है। फिलहाल गुढ़ा की नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस प्रभारी अजय माकन एक बार फिर जयपुर आ रहे हैं।
बसपा से आए विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में समाहित करने की योजना
माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में बसपा से आए और निर्दलीय विधायकों को जगह दी जाएगी। हो सकता है कि संसदीय सचिव और राजनीतिक नियुक्तियों की पहली सूची आज जारी कर दी जाए, जिसमें नाराज विधायकों को जगह मिले।
सूत्रों का कहना है कि विधायक वाजिब अली और लाखन सिंह मीणा को मेवात विकास बोर्ड और डांग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। महादेव सिंह खण्डेला और बाबूलाल नागर को भी राजनीतिक नियुक्तियां मिल सकती हैं।
पायलट गुट को भी संतुष्ट करने का प्रयास
उधर सचिन पायलट भी अपने समर्थकों को राजनीतिक नियुक्तियां दिलवाने और संसदीय सचिव बनवाने में लगे हुए हैं। पायलट समर्थकों को भी लग रहा है कि पूरी हिस्सेदारी नहीं मिली है। इसकी वजह से उनमें भी नाराजगी है। पायलट गुट को संतुष्ट करने के लिए वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत और दलित विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को भी राजनीतिक नियुक्तियों में जगह दी जा सकती है।