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पंजाब के सीएम भगवंत मान के विवादित बोल – ‘मोदी के नाम का सिंदूर लगाओगे, एक राष्ट्र-एक पति योजना है क्या?’

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चंडीगढ़, 3 जून। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर की गई एक विवादास्पद टिप्पणी को लेकर हंगामा मच गया है। दरअसल, सीएम मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘क्या आप मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे? क्या यह एक राष्ट्र, एक पति योजना है?’

भाजपा का मान पर तीखा हमला, प्रीतपाल ने की इस्तीफे की मांग

भारतीय जनता पार्टी ने उन पर तीखा हमला बोला है और पंजाब भाजपा के प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने मान के बयान को असंवेदनशील और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने इसे भारतीय सेना और वीर नारियों का अपमान बताया है। साथ ही, मान से तत्काल इस्तीफे और माफी की मांग की है।

प्रीतपाल सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम मान के बयान का वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकवादियों की ओर से हिन्दुओं को उनकी धार्मिक पहचान, जैसे सिन्दूर के आधार पर निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं का जवाब देना था। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद, शहादत और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा था। लेकिन सीएम मान ने इसे मजाक बनाकर सेना और पवित्र प्रतीकों का अपमान किया है। मान को सिंदूर का महत्व नहीं समझ आया और उन्होंने इसे हल्के में लेकर देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

मान का बयान शर्मनाक और सेना का मनोबल तोड़ने वाला प्रदीप भंडारी

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी भगवंत मान की टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने इसे भारतीय सशस्त्र बलों और एक सफल सैन्य ऑपरेशन का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बार-बार अपनी भारत-विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। भंडारी ने मान के बयान को शर्मनाक और सेना का मनोबल तोड़ने वाला करार दिया। भाजपा ने जोर देकर कहा कि सीएम मान को अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए और तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

ज्ञातन्य है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सात मई को शुरू किया गया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया था। इसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

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