नई दिल्ली, 19 फरवरी। कांग्रेस ने रविवार को स्पष्ट किया कि 24 फरवरी से शुरू हो रहे इसके तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में चर्चा की जाएगी एवं आगे का रुख तय किया जाएगा। हालांकि, उसने इस बात पर भी जोर दिया कि उसकी मौजूदगी के बिना देश में विपक्षी एकता की कोई भी कवायद सफल नहीं हो सकती।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का स्वागत किया और कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के प्रभाव को स्वीकार किया है। साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि उनकी ही ऐसी इकलौती पार्टी है, जिसने कभी भी भाजपा के साथ समझौता नहीं किया।
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— Congress (@INCIndia) February 19, 2023
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से बने माहौल का लाभ उठाते हुए भाजपा विरोधी दलों को एकजुट कर गठबंधन बनाना चाहिए और अगर ऐसा हो गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 100 से भी कम सीट पर समेटा जा सकेगा।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के अधिवेशन के बारे में कुछ ब्योरा सामने रखा। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्ल्यूसी) के चुनाव के संदर्भ में 24 फरवरी को पार्टी की संचालन समिति की बैठक में फैसला होगा।
‘विपक्ष की एकता जरूरी है, हम मानते हैं‘
नीतीश कुमार के बयान के संदर्भ में वेणुगोपाल ने कहा, ”हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान समान विचार वाले दलों को आमंत्रित किया। ज्यादातर दल आए। संसद के सत्र के दौरान अडानी समूह के मामले में विपक्षी दलों को साथ लिया। अधिवेशन एक ऐसा मंच होगा, जहां इस पर चर्चा होगी। निश्चित तौर पर इस बारे में (नेतृत्व) निर्देश आएगा।”
जयराम रमेश ने कहा, ”हम मानते हैं कि विपक्ष की एकता जरूरी है। लेकिन विपक्ष की एकता के लिए यात्रा नहीं निकाली गई थी, यह इसका परिणाम हो सकता है। अधिवेशन में इस पर विचार होगा। यह क्या रूप लेगा हम नहीं कह सकते।”
‘भाजपा के साथ कहीं भी समझौता नहीं किया‘
उन्होंने कहा, ”नीतीश कुमार जी के बयान का हम स्वागत करते हैं क्योंकि उन्होंने माना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर न सिर्फ कांग्रेस पर, बल्कि भारतीय राजनीति पर हुआ है। यह भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है, यह उन्होंने स्वीकारा है। हम अपनी भूमिका अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने भाजपा के साथ कहीं भी समझौता नहीं किया है।”
रमेश ने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा, ‘कई पार्टियां हैं, जो मल्लिकार्जुन खड़गे जी के साथ बैठक में आती हैं, लेकिन उनकी क्रिया सत्तापक्ष के साथ नजर आती है। हमारे दो चेहरे नहीं हैं। हम चाहते हैं कि अडानी के मामले पर जेपीसी की जांच हो।’
‘मजबूत कांग्रेस के बिना मजबूत विपक्षी एकता असंभव‘
कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी जोर दिया, ‘हमें किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी एकता असफल होगी…मजबूत कांग्रेस के बिना मजबूत विपक्षी एकता असंभव है। चुनाव के पहले गठबंधन होना चाहिए, बाद में होना चाहिए, इस पर अधिवेशन में लोग अपना विचार रखेंगे।’ उन्होंने कहा कि 2024 से पहले कई राज्यों में चुनाव हैं, जिन पर पार्टी को ध्यान देना है। इस बार का यह पूर्ण अधिवेशन 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।