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हिमाचल प्रदेश में बिगड़ा कांग्रेस का खेल, भाजपा का दावा – राज्यसभा चुनाव के बाद सीएम सुक्खू ने खो दिया बहुमत

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शिमला, 27 फरवरी। हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए मंगलवार को हुए मतदान में सत्तारूढ़ कांग्रेस का खेल बिगड़ गया और इससे पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। प्राप्त खबरों के अनुसार आठ से नौ कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि क्या हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर जाएगी? इसी क्रम में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने बहुमत खो दिया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है। सीट सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद, भाजपा ने हर्ष महाजन को मैदान में उतारा। क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस ने मंत्रियों – हर्षवर्द्धन चौहान, जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर के अलावा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को अपने विधायकों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए ह्विप भी जारी किया था। हालांकि, रिपोर्टों में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल और देवेंद्र भुट्टो ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की। निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, केएल ठाकुर और होशियार सिंह ने भी कथित तौर पर भाजपा के हर्ष महाजन को वोट दिया।

मतदान के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ‘हमने अपने विधायकों को ह्विप जारी किया था। अगर ह्विप के बावजूद कोई नहीं आया है तो हम इस पर गौर करेंगे। जिस तरह से भाजपा ने हमारे विधायकों को धमकाने की कोशिश की है, कांग्रेस उसकी निंदा करती है।’

वहीं जयराम ठाकुर से जब यह पूछा गया कि क्या भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग करेगी, तो उन्होंने कहा, ‘बजट बुधवार को पेश किया जाएगा। हम बजट पर चर्चा करेंगे और फिर वहां की स्थिति देखेंगे। लेकिन मैं देख सकता हूं कि सरकार बहुमत खो चुकी है।’

यदि कम से कम नौ विधायक पलटे तो गिर जाएगी कांग्रेस सरकार

ज्ञातव्य है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सदस्य हैं। बहुमत का आंकड़ा 35 है। कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 विधायक हैं। कांग्रेस तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा करती है, जिससे उसकी संख्या 43 हो जाती है। यदि कम से कम नौ विधायक अपना पक्ष बदलते हैं और समर्थन वापस लेते हैं, तो कांग्रेस सरकार गिर जाएगी।