दिल्ली, 23 दिसंबर। पहलवानों के दंगल में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की एंट्री हो गई है। इससे मामले ने तूल पकड़ लिया है। आने वाले समय में इस पूरे मामले पर सियासत गरमाने के आसार हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार बीते दिन ओलिंपिक विजेता पहलवानों से मुलाकात की। न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया। प्रियंका गांधी ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक के घर पहुंचीं। यहां उन्होंने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मुलाकात की।
प्रियंका के साथ सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी थे। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘मैं यहां एक औरत होने के नाते आई थी।’ प्रियंका गांधी ने न्याय की लड़ाई में दोनों पहलवानों का साथ देने का भरोसा जताया। इससे पहले साक्षी मलिक ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात की थी।
प्रियंका गांधी सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, ”भारत की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान बहन साक्षी मलिक ने अपने साथ हुए घोर अन्याय व केंद्र सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होकर कुश्ती खेल से सन्यास ले लिया। ये देश की महिलाओं के सम्मान और खेल जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं”।
- साक्षी से किया अपने फैसले पर विचार करने का अनुरोध
दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत की एकमात्र ओलिंपिक पदक विजेता महिला पहलवान बहन साक्षी ने अपने साथ हुए घोर अन्याय और केंद्र सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होकर कुश्ती खेल से संन्यास ले लिया। ये देश की महिलाओं के सम्मान और खेल जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। आज सुबह साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान मिले। वे अपने साथ हुई वादाखिलाफी से बेहद आहत थे।’
उन्होंने कहा, ‘हमने उनसे आग्रह किया कि देशहित में कुश्ती से संन्यास के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और उन्हें विश्वास दिलाया कि न्याय मिलने तक उनका साथ नहीं छोड़ेंगे।’वहीं विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया। इससे एक दिन पहले साक्षी मलिक ने संन्यास की घोषणा की थी।
गौरतलब है कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुईं। उन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।