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मल्लिकार्जुन खड़गे ने गठित की कांग्रेस कार्य समिति, 39 सदस्यों में सचिन पायलट व शशि थरूर भी शामिल

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नई दिल्ली, 20 अगस्त। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन कर दिया। 39 सदस्यों की सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ लगातार झंडा बुलंद करते रहे सचिन पायलट का है जबकि गहलोत को इस सूची से बाहर रखा गया है।

पायलट के अलावा सीडब्ल्यूसी में शशि थरूर, नसीर हुसैन, अलका लांबा, सुप्रिया श्रीनेत, प्रणीति शिंदे, पवन खेड़ा, गणेश गोदियाल व यशोमती ठाकुर भी शामिल हैं। सूची में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और अन्य का उल्लेख किया गया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस संविधान में हालिया संशोधन के बाद, सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या मौजूदा 25 से बढ़कर 39 हो गई।

खड़गे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर को भी जगह

जहां तक पायलट का सवाल है तो आगामी राजस्थान चुनाव और अपनी पार्टी के सहयोगी और सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ उनके विद्रोही रवैये के मद्देनजर उनका सीडब्ल्यूसी में शामिल होना महत्वपूर्ण है। पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर को भी सूची में रखा गया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उन्हें बड़ी भूमिका मिल सकती है।

इससे पहले, कांग्रेस की संचालन समिति ने फरवरी में छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित पार्टी के तीन दिवसीय 85वें पूर्ण सत्र में पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था के चुनाव को खारिज करते हुए कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सभी सदस्यों को नामित करने के लिए खड़गे को अधिकृत करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया था।

पार्टी ने 85वें पूर्ण सत्र में पूर्व कांग्रेस प्रधानमंत्रियों और पूर्व एआईसीसी प्रमुखों को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के स्थायी सदस्यों के रूप में शामिल करने के लिए अपने संविधान में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा, यह एक ऐसा कदम था, जो मनमोहन सिंह व सोनिया गांधी को स्वत: सीडब्ल्यूसी में शामिल करना सुनिश्चित करेगा।

सीडब्ल्यूसी में लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता को शामिल करने का भी प्रस्ताव रखा गया है जबकि अधिकतर सदस्यों ने सीडब्ल्यूसी में नामांकन का समर्थन किया, वरिष्ठ नेता अजय माकन, दिग्विजय सिंह और अभिषेक मनु सिंघवी ने शुरू में चुनाव कराने का समर्थन किया था।

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